Corona Vaccine: क्या हैं साइड इफेक्ट्स, बरतनी होगी कैसी सावधानियां? जानें कोरोना वैक्सीन से जुड़ी बड़ी बातें

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन सहित कई उपाय किए गए। लेकिन अब भी इसका तांडव कम नहीं हुआ है। अब वैक्सीन ही एक आखिरी उपाय दिख रहा है। विश्व भर में कई देशों ने इसके वैक्सीन ( Corona Vaccine) पर काम शुरू कर दिया है।

Corona Vaccination

सांकेतिक तस्वीर।

भारत में बन रही बायोटेक की Covaxin के तीसरे चरण के परीक्षण चल रहे हैं। इसके परिणाम अगले कुछ महीने तक आ सकते हैं। हालांकि, सबके मन में वैक्सीन (Corona Vaccine) को लेकर कई सवाल हैं।

भारत में कोरोना वायरस से फैली महामारी का कहर जारी है। इसके संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन सहित कई उपाय किए गए। लेकिन अब भी इसका तांडव कम नहीं हुआ है। अब वैक्सीन ही एक आखिरी उपाय दिख रहा है। विश्व भर में कई देशों ने इसके वैक्सीन (Vaccine) पर काम शुरू कर दिया है।

फिलहाल फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन की 90 प्रतिशत सफलता के दावे किए गए हैं। इनके तीसरे चरण के परीक्षण पूरे कर लिए गए हैं। वहीं भारत में बन रही बायोटेक की Covaxin के तीसरे चरण के परीक्षण चल रहे हैं। इसके परिणाम अगले कुछ महीने तक आ सकते हैं। हालांकि, सबके मन में वैक्सीन (Corona Vaccine) को लेकर कई सवाल हैं।

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वैक्सीन कब तक आएगी?

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने दिसंबर में अपनी वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग के लिए आवेदन किया है और घोषणा की है कि तब तक 100 मिलियन खुराक तैयार हो जाएगी। हालांकि, आम जनता के लिए वैक्सीन उपलब्ध होने में कुछ महीने और लगेंगे। बताया गया है कि इसकी कीमत 500 से 600 रुपये होगी। फाइजर और मॉडर्ना ने भारत के लिए अपनी योजनाओं या कीमतों की घोषणा नहीं की है।

वैक्सीन आने में क्यों लग रहा इतना समय?

सबसे बड़ा सवाल लोगों के मन में है कि आखिर वैक्सीन (Vaccine) आने में इतना वक्त क्यों लग रहा? दरसअल, टीके या वैक्सीन के शोध और फिर टेस्टिंग में अधिक समय लग जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि लैब में सफलता के बावजूद, सुरक्षा और प्रभावकारिता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न प्रकार के लोगों पर परीक्षण करने की आवश्यकता होती है। इसे कई चरणों से होकर गुजरना पड़ता है।

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क्या वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट होगा?

फिलहाल अभी तो वैक्सीन (Corona Vaccine) के परीक्षणों का ही दौर चल रहा है। परीक्षणों के एक प्रमुख भाग में स्वास्थ्य पर होने वाले किसी भी प्रभाव पर नजर रखना जरूर शामिल है लेकिन अभी तक किसी ने भी अपने टीकों के दुष्प्रभावों के बारे में कोई डेटा प्रकाशित नहीं किया है।

भारत में वैक्सीन को बाजार में लाने के लिए अनुमति कौन देगा?

DGCI (ड्रग्स एंड कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया), ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) और MoHFW निर्णायक भूमिका निभाएंगे कि निर्माता द्वारा प्रदान किए गए दस्तावेजों के आधार पर भारत में कौन सा टीका बेचा जाएगा। वे अपने निर्णय का आधार सार्वजनिक कर भी सकते हैं और नहीं भी।

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क्या सभी भारतीयों को वैक्सीन मिल पाएगी?

यह एक और बड़ा सवाल है कि क्या सभी भारतीयों को वैक्सीन (Corona Vaccine) मिल पाएगी। 1.32 बिलियन लोगों को अगर टीका लगाया जाएगा तो इसे लगाने में महीनों लग जाएंगे। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ने संकेत दिया है कि अगले साल जुलाई तक 250 मिलियन लोगों के टीकाकरण की उम्मीद है।

वैक्सीन को सरकार देगी या निजी संस्था?

अभी तक इस पर कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है कि क्या सरकार टीकाकरण पर अपना बरकरार रखेगी या क्या निजी संस्था को अनुमति दी जाएगी। हालांकि कोविड-19 आरटी-पीसीआर परीक्षण के अनुभव से गुजरते हुए, विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह संभावना अधिक है कि निजी अस्पतालों को लाइसेंस दिया जा सकता है।

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वैक्सीन पहले किसको दी जाएगी?

स्वास्थ्य कर्मचारियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स, बुजुर्ग नागरिकों और कुछ लक्षित बीमारियों वाले लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। पहले उन्हें ही टीका (Vaccine) दिया जाएगा।

वैक्सीन लगने के बाद क्या कोई प्रमाणपत्र दिया जाएगा?

टीकाकरण के दौरान यह योजना जरूर बनाई जा सकती है कि कैसे यह उपाय किया जाए कि दोहराव ना हो। ऐसे में टीकाकरण को डिजिटल तरीके से ट्रैक करने की व्यवस्था भी बनाई जा सकती है।

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क्या हर किसी को दी जाएगी वैक्सीन?

वैक्सीन (Corona Vaccine) सभी के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। लेकिन सरकार ने इसके लेकर अभी तक किसी भी योजना की घोषणा नहीं की है।

वैक्सीन लगने के बाद भी क्या सावधानी बरतनी पड़ेगी?

ऐसा कई बार देखा गया है कि अधिकांश टीकों में दोहरी खुराक की आवश्यकता पड़ी है। एक बार जब टीके का पूरा कोर्स पूरा हो जाएगा तो व्यक्ति में कोरोना संक्रमण से दूर करने के लिए पर्याप्त एंटीबॉडी होना चाहिए। हालांकि एक तथ्य यह जरूर है कि कोई भी टीका (Vaccine) 100 प्रतिशत प्रभावी नहीं पाया गया है।

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