Rang Panchmi 2021
पंचांग की गणना के अनुसार इस साल रंगपंचमी (Rang Panchmi 2021) 2 अप्रैल को है। इसकी वजह यह है कि 2 अप्रैल को सूर्योदय के समय पंचमी तिथि रहेगी।
आज रंग पंचमी (Rang Panchmi 2021) है। आज षष्ठी तिथि का क्षय हो रहा है। आज के जिन देवताओं के लिए रंग गुलाल उड़ाया जाता है। एकनाथ षष्ठी और शीतलाषष्ठी भी आज के दिन है। रंग पंचमी का त्योहार होली के त्योहार का अंतिम पड़ाव माना जाता है। रंगपंचमी होली के त्योहार के 5 दिन बाद मनाई जाती है।
रंगपंचमी के महत्व को देखते हुए इसका एक और प्रचलित नाम है श्रीपंचमी, क्योंकि इस दिन देवताओं संग रंग गुलाल खेलने से घर में श्री यानी धन समृद्धि की वृद्धि होती है। शास्त्रों के अनुसार, रंग पंचमी का त्योहार चैत्र कृष्ण पंचमी तिथि के बाद मनाया जाता है।
रंगपंचमी का त्योहार विशेष तौर पर मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। महाराष्ट्र में इस दिन मछुआरे समुदाय के लोग उत्सव मनाते हैं और पूरनपोली बनाते हैं। राजस्थान में भी इस दिन रंगोत्सव मनाया जाता है।
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हालांकि, यह त्योहार देश के कई अन्य भागों में भी पूरे जोर-शोर से मनाया जाता है। रंगपंचमी, होली से जुड़ा हुआ ही एक त्योहार है। दरअसल, होली के त्योहार का जश्न चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर पंचमी तिथि तक जारी रहता है। रंगपंचमी (Rang Panchmi) यानी कि कृष्ण पंचमी के दिन लोग रंग-बिरंगे अबीर से खेलते हैं। यही कारण है कि त्योहार को रंगपंचमी का नाम दिया गया है।
मान्यता है कि कि इस दिन जो रंग एक-दूसरे को लगाते हैं वह आसमान की ओर उड़ाते हैं। ऐसा करने से देवी-देवता आकर्षित होकर अपनी कृपा बरसाते हैं। माना जाता है कि इस रंग रंगोत्सव से तमोगुण का नाश होता है और जीवन में आनंद की वृद्धि होती है।
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ऐसी मान्यता है कि होलाष्टक के दिन कामदेव के भस्म हो जाने पर देवलोक में उदासी छा गई थी। जब भगवान शिव ने देवताओं की प्रार्थना पर कामदेव के फिर से जीवित होने का आश्वासन दिया तो देवतागण आनंदित हो गए और रंगोत्सव मनाने लगे। देवलोक में खुशी का माहौल छा गया। उस समय से ही चैत्र कृष्ण पंचमी तिथि को हर साल रंग पंचमी मनाई जाती है।
पंचांग की गणना के अनुसार इस साल रंगपंचमी (Rang Panchmi 2021) 2 अप्रैल को है। इसकी वजह यह है कि 2 अप्रैल को सूर्योदय के समय पंचमी तिथि रहेगी। शास्त्रों का मत है कि जिस तिथि में सूर्योदय होता है उस तिथि का मान उस दिन रहता है।
यही वजह है कि चैत्र कृष्ण पंचमी तिथि सुबह 8 बजकर 16 मिनट तक होने के बावजूद रंगपंचमी इसी दिन मनाई जा रही है। सुबह 8 बजकर 16 मिनट से बाद षष्ठी तिथि लग जाने पर भी पंचमी तिथि का ही मान रहेगा।
शुभ मुहूर्त-
शुभ मुहूर्त अभिजीत 11:59 − 12:49। आज 10.30 बजे सुबह से 12 बजे तक राहुकाल रहेगा। इस समय कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाना चाहिए।
चैत्र कृष्ण पंचमी तिथि का आरंभ 1 अप्रैल सुबह 11 बजे
चैत्र कृष्ण पंचमी तिथि का समापन 2 अप्रैल सुबह 8 बजकर 16 मिनट
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