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कनाडा के दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी का नेता है जगमीत सिंह (Jagmeet Singh)
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जगमीत सिंह पर खालिस्तानी आतंकवादियों को फंडिग करने का आरोपी
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भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा तैयार किए गए डोजियर में हुआ खुलासा
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कनाडा में आए चुनावी नतीजों के बाद वह किंगमेकर साबित हो सकते हैं
कनाडा के दूसरे सबसे बड़े राजनीतिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह (Jagmeet Singh) हाल ही में आए चुनावी नतीजों के बाद वहां एक किंगमेकर साबित हो सकता है। लेकिन नई दिल्ली के लिए वो भारत में अपनी गहरी पंजाबी जड़ों के बावजूद खालिस्तान और पाकिस्तान समर्थक बना हुए है।
मोदी सरकार द्वारा अनुच्छेद-370 को निरस्त करने के बाद जगमीत सिंह (Jagmeet Singh) ने कश्मीर पर पाकिस्तान समर्थक प्रचार के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया था। विभिन्न स्थानीय मीडिया प्लेटफार्मों में सिंह ने भारत के खिलाफ बयान जारी किए और देश पर क्षेत्र में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया। उसने मीडिया से कहा था, ‘‘मैं चाहता हूं कि कश्मीर के लोगों को पता चले कि मैं आपके साथ खड़ा हूं। मैं अन्याय के खिलाफ खड़ा हूं। मैं निंदा करता हूं कि भारत कश्मीर के लोगों के साथ क्या कर रहा है।’ विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि भारत ओटावा के घटनाक्रम को करीब से देख रहा है।
कश्मीर मामले पर अमेरिका की नजर, भारत से मौजूदा हालात की मांगी रिपोर्ट
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने हाल ही में अपने तैयार किए गए डोजियर में कहा गया है कि न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के नेता जगमीत न केवल कनाडा में खालिस्तानी कार्यकर्ताओं को पनाह देते हैं, बल्कि वह अमेरिका में भारत विरोधी आंदोलन का नेतृत्व भी करते हैं।
जगमीत सिंह (Jagmeet Singh) 2012 से भारतीय खुफिया एजेंसियों की रडार पर हैं। भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) की एक विशेष रिपोर्ट के आधार पर जगमीत को 2013 में उनके भारत-विरोधी रुख के लिए वीजा देने से इनकार कर दिया गया था। रॉ ने अपनी एक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि सिंह पाकिस्तान से संचालित खालिस्तानी संगठनों को फंडिंग कर रहा था। वह यूरोप के कई देशों में मौजूद प्रमुख खालिस्तानी और कश्मीरी अलगाववादी समूहों से भी जुड़ा हुआ है।
ताजा रिपोर्ट के आधार पर जगमीत सिंह (Jagmeet Singh) कनाडा में खालिस्तानी और कश्मीरी अलगाववादियों को एक ही छत के नीचे लाने की कोशिश कर रहा है। हाल ही में उसने ओंटारियो में अपने आवास पर इस सिलसिले में एक बैठक भी की।
बताया जा रहा है कि जगमीत का हाथ भारत द्वारा जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को हटाने के बाद इसी तरह के आंदोलन में भी रहा है। अप्रवासी भारतीय माता-पिता के पुत्र जगमीत ने 2013 में ओंटारियो में खालिस्तान समर्थक कार्यकतार्ओं का एक सम्मेलन आयोजित किया था, जिसका उद्देश्य विदेश में भारत की छवि को खराब करना था। दो साल बाद 2015 में वह एनडीपी के विधायक बनने के बाद सैन फ्रांसिस्को में खालिस्तान समर्थक रैली में दिखाई दिए। उन्होंने ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारे गए खूंखार आतंकी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले की प्रशंसा भी की।
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