ब्लैक, व्हाइट और यलो फंगस के बाद अब ‘ग्रीन फंगस’ का अटैक, इंदौर में मिला पहला केस

ब्लैक, व्हाइट और यलो फंगस के बाद अब ‘ग्रीन फंगस’ (Green Fungus) ने हमला किया है। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में ‘ग्रीन फंगस’ के पहले मरीज की पुष्टि हुई।

Green Fungus

युवक को कोरोना संक्रमण हुआ था। उनके फेफड़े 90 फीसदी तक संक्रमित हो चुके थे। इसके बाद उसमें ‘ग्रीन फंगस’ (Green Fungus) मिलने की पुष्टि हुई है।

ब्लैक, व्हाइट और यलो फंगस के बाद अब ‘ग्रीन फंगस’ (Green Fungus) ने हमला किया है। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में ‘ग्रीन फंगस’ के पहले मरीज की पुष्टि हुई। संभवतः देश में यह ‘ग्रीन फंगस’ का पहला मामला सामने आया है। इंदौर शहर में ग्रीन फंगस के पहले मरीज की पुष्टि होने के बाद इंदौर के प्राइवेट अस्पताल से उसे एयरलिफ्ट कर बेहतर इलाज के लिए मुंबई भेजा गया।

मरीज शहर के माणिकबाग इलाके में रहने वाला बताया गया है। 34 साल के युवक को कोरोना संक्रमण हुआ था। उनके फेफड़े 90 फीसदी तक संक्रमित हो चुके थे। इसके बाद उसमें ‘ग्रीन फंगस’ (Green Fungus) मिलने की पुष्टि हुई है।

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ऑरोबिंदो इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के चेस्ट डिजीज के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट डॉ रवि दोसी ने पीटीआई को बताया कि मरीज का टेस्ट इस शक में किया गया था कि उसे ब्लैक फंगस या म्यूकरमायकोसिस हुआ है। लेकिन पता चला कि उसके साइनसेस, फेफड़ों और खून में ग्रीन फंगस (ऐस्पर्जिलोसिस) का संक्रमण था।

मरीज ठीक हो गया था लेकिन बाद में उसके नाक से खून निकलना और तेज बुखार शुरू हो गया। वजन घटने से वह काफी कमजोर भी हो गया था। विशेषज्ञों ने बताया कि ग्रीन फंगस ज्यादा खतरनाक और अधिक जानलेवा बीमारी है। इस इन्फेक्शन से मरीज की हालत लगातार बिगड़ती जाती है।

वजह

यूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक, ऐस्पर्जिलस से ऐलर्जिक रिऐक्शंस, लंग इन्फेक्शंस और शरीर के दूसरे अंगों में संक्रमण हो सकता है। हालांकि यह संक्रामक बीमारी नहीं है और एक इंसान से दूसरे इंसान में नहीं फैलती।

लक्षण

सीडीसी के मुताबिक, अलग-अलग तरह के ऐस्पर्जिलोसिस में अलग तरह के लक्षण दिखते हैं। कॉमन लक्षण अस्थमा जैसे होते हैं जिसमें सांस लेने में दिक्कत, खांसी और बुखार, सिरदर्द, नाक बहना, साइनाइटिस, नाक जाम होना या नाक बहना, नाक से खून आना, वजन घटना, खांसी में खून, कमजोरी और थकान है।

बचाव

डॉक्टर्स का कहना है कि फंगल इन्फेक्शंस से बचने के लिए साफ-सफाई और ओरल हाइजीन का खासतौर पर ध्यान देना चाहिए। ऐसी जगहों पर जाने से बचना चाहिए जहां धूल-मिट्टी या पानी जमा हो। ऐसी जगहों पर जाना जरूरी है तो N95 मास्क पहनें। हाथ और चेहरे को साबुन-पानी से धोते रहें, खासतौर पर अगर मिट्टी और धूल के संपर्क में आए हों तो।

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