पाकिस्तान ने खुद माना, कश्मीर मसले पर ICJ में जाने के लिए नहीं हैं पर्याप्त सुबूत

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में पाकिस्तान की पैरवी करने वाले वकील कुरैशी ने खुद कहा है कि सबूत न होने के चलते इस केस को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में नहीं ले जाया जा सकता।

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ICJ में पाकिस्तानी वकील खावर कुरैशी ने यह बात स्वीकार की है कि पाकिस्तान के पास इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (International Court of Justice) में यह साबित करने के लिए पर्याप्त सुबूत नहीं हैं कि कश्मीर में नरसंहार हो रहे हैं।

जम्मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 हटने के बाद से पाकिस्‍तान घाटी में मानवाधिकारों के उल्‍लंघन का रोना भले ही दुनिया के सामने रो रहा है, लेकिन उसे इस मसले पर भी अपने घर में ही मुंह की खानी पड़ी है। दरअसल, पाकिस्तानी वकील खावर कुरैशी ने यह बात स्वीकार की है कि पाकिस्तान के पास इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (International Court of Justice) में यह साबित करने के लिए पर्याप्त सुबूत नहीं हैं कि कश्मीर में नरसंहार हो रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में पाकिस्तान की पैरवी करने वाले वकील कुरैशी ने खुद कहा है कि सबूत न होने के चलते इस केस को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में नहीं ले जाया जा सकता। वकील खावर कुरैशी ने एक टीवी शो में पैनल चर्चा के दौरान साफ तौर पर कहा कि पाकिस्‍तान के पास कश्‍मीर से संबंधित इन दावों के लिए कोई महत्वपूर्ण सबूत नहीं है। खावर कुरैशी ने कहा, “इन सबूतों के अभाव में पाकिस्तान के लिए इस मामले को ICJ में ले जाना बेहद मुश्किल है।”

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पाकिस्तानी वकील के इस बयान के बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को मुंह की खानी पड़ी है जिन्होंने कश्मीर के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय अदालत में उठाने की बात कही थी। पाकिस्तान इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में भी उठा चुका है। साथ ही पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसी महीने संयुक्त राष्ट्र के उनके संबोधन में इस मुद्दे को फिर से उठाने की बात कही थी। खुद पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों के दरवाजे खटखटाए हैं और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात की, लेकिन कहीं भी उन्हें कोई खास तवज्‍जो नहीं मिली।

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) खत्म किए जाने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। वह कई बार कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय बनाने के लिए प्रयास कर चुका है। लेकिन भारतीय प्रयासों के सामने उसकी एक भी नहीं चली है और अंतत: अमेरिका सहित दुनिया के तमाम देशों ने उसे संदेश दे दिया है कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है। इससे पहले पाकिस्तान को कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) के मामले में भी अंतरराष्ट्रीय अदालत से झटका लग चुका है। कुलभूषण मामले में ICJ ने भारत के पक्ष में फैसला देते हुए कुलभूषण की फांसी पर रोक लगा दी थी और पाकिस्तान को कुलभूषण जाधव को काउंसलर उपलब्ध कराने को कहा था।

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