दो BSF जवानों के खून से रंगे हैं इन नक्सलियों के हाथ।
देश के नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षाबलों की मुस्तैदी के चलते जहां एक ओर बड़े नक्सलियों के एनकाउंटर हो रहे हैं, हार्डकोर नक्सली अपनी जान बचाने के लिए सरेंडर कर रहे हैं, वहीं आए दिन नक्सलियों की गिरफ्तारियां भी हो रही हैं। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित पंखाजूर के ताड़बौली गांव के जंगलों से दो खूंखार नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। सर्च ऑपरेशन के दौरान बीएसएफ के जवानों ने इन दोनों हार्डकोर नक्सलियों को धर दबोचा। गिरफ्तार नक्सलियों में एक महिला और एक पुरुष है। इन पर हत्या, आगजनी, लूट समेत कई मामले दर्ज हैं।
बताया जा रहा है कि गिरफ्तार नक्सलियों ने 9 जुलाई, 2018 को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कांकेर स्थित मारबेड़ा कैंप पर आईडी ब्लास्ट किया था। इस हमले में दो जवान शहीद हो गए थे। अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ के जवानों ने खुफिया इनपुट्स के आधार पर शनिवार को मारबेड़ा की 121वीं कंपनी ने मिलकर सर्च ऑपरेशन शुरू किया। सर्चिंग के दौरान ताड़बौली के जंगलों में दस्सो उर्फ नीला पति दिनेश नेताम और गत्ती मट्टामी को गिरफ्तार किया। उनके कब्जे से भारी मात्रा में विस्फोटक तैयार करने वाली सामग्री भी बरामद हुई है।
पकड़े गए दोनों नक्सली माओवादी संगठन (जनताना सरकार ताड़बौली) से पिछले कई सालों से जुड़े थे और लगातार नक्सली वारदातों को अंजाम दे रहे थे। इसमें मोरखांडी कांकेर निवासी नक्सली गत्ती मट्टामी प्रतिबंधित संगठन का अध्यक्ष भी रहा है। इनके खिलाफ बांदे थाने में हत्या, लूट, अपहण, आगजनी, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने जैसे गंभीर अपराध दर्ज हैं। छानबीन में गत्ती मट्टामी के कब्जे से एक एसबीएमएल, 3 किलो पोटैशियम, 25 किलो यूरिया, 3 सीट प्लास्टिक, 25 मीटर इलेक्ट्रिक वायर और दो सेल बरामद हुए। टीम की सफलता पर बीएसएफ आईजी जेबी सांगवान ने उन्हें बधाई दी है।
दरअसल, गर्मी के दिनों में नक्सली अलग-अलग ठिकाने ढूंढने के साथ ही बड़ी वारदातों को अंजाम देने की फिराक में रहते हैं। ये दोनों भी ऐसी ही फिराक में थे, लेकिन बीएसएफ जवानों ने उनके मंसूबों को नाकाम कर दिया है।
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