Kulbhushan Jadhav मामले में बड़ी खबर, अध्यादेश की अवधि पर पाकिस्तान ने किया ये फैसला

पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) अब अपनी सजा के खिलाफ किसी उच्च न्यायालय में अपील दायर कर सकते हैं।

Kulbhushan Jadhav

फाइल फोटो।

भारतीय नौसेना के 50 वर्षीय सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) को अप्रैल, 2017 में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी।

पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) अब अपनी सजा के खिलाफ किसी उच्च न्यायालय में अपील दायर कर सकते हैं। पाकिस्तान की संसद ने उस अध्यादेश की अवधि चार महीने बढ़ा दी है, जो भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ किसी उच्च न्यायालय में एक अपील दायर करने की इजाजत देती है।

‘डॉन’ न्यूज की खबर के मुताबिक, बीते मई में जारी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (समीक्षा एवं पुनर्विचार) अध्यादेश की अवधि 17 सितम्बर को समाप्त होने वाली थी। लेकिन नेशनल असेंबली ने 14 सितंबर को ध्वनिमत से इसकी अवधि चार महीने बढ़ा दी। यह अध्यादेश अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के उस फैसले को लागू करने के लिए जारी किया गया था, जिसमें पाकिस्तान से कहा गया था कि वह जाधव को एक सैन्य अदालत द्वारा सुनाई गई सजा की एक प्रभावी समीक्षा मुहैया कराए।

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बता दें कि जाधव को लेकर पाकिस्तान दबाव का सामना कर रहा है। इसी दबाव में उसे अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के फैसले को लागू करने के लिए यह अध्यादेश लाना पड़ा। गौरतलब है कि भारतीय नौसेना के 50 वर्षीय सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) को अप्रैल, 2017 में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी।

पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से अदालत में जाधव का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक वकील नियुक्त करने का अनुरोध किया है। अदालत ने 3 सितंबर को इस मामले की दूसरी बार सुनवाई की थी। तब कोर्ट ने पाकिस्तान सरकार से कहा था कि वह जाधव के लिए एक वकील नियुक्त करने का भारत को एक और मौका दे। इसकी सुनवाई अब अगले महीने होगी।

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पाकिस्तान ने पिछले हफ्ते कहा था कि अदालत में जाधव (Kulbhushan Jadhav) का प्रतिनिधित्व करने के लिए वकील नियुक्त करने से संबंधित न्यायिक आदेशों की जानकारी भारत को दी गई, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया। इससे पहले 16 जुलाई को पाकिस्तान ने जाधव को राजनयिक पहुंच प्रदान की थी। लेकिन, भारत का कहना था कि यह पहुंच न तो सार्थक थी, न ही विश्वसनीय। इस दौरान जाधव तनाव में भी दिखे। भारत ने कहा कि पाकिस्तान आइसीजे के फैसले का ही नहीं, अपने अध्यादेश का भी उल्लंघन कर रहा है।

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