घाटी में 15 अगस्त के मौके पर आतंकी हमलों की बढ़ती वारदातों ने सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौतियां और बढ़ा दी हैं। खुफिया इनपुट के मुताबिक जम्मू पर भी आतंकी हमलों (Terror Attacks) की आशंका बढ़ गई है। दो दिन पहले दक्षिण कश्मीर के जिला अनंतनाग में दिनदहाड़े बीजेपी नेता व सरपंच गुलाम रसूल डार और उनकी पत्नी जवाहिरा की अज्ञात आतंकियों (Terrorists) ने हमला कर हत्या कर दी। पुलिस के मुताबिक इस वारदात के पीछे लश्कर–ए–तय्यबा के आतंकियों का हाथ हो सकता है।
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इस हत्या को लेकर राज्य पुलिस की चाक–चौबंद सुरक्षा के दावों पर फिर से तीखे सवाल उठने लगे हैं। हालांकि पिछले एक-दो सालों में सुरक्षाबलों ने घाटी में बड़ी संख्या में आतंकी कमांडरों व सदस्यों (Terrorists) को मौत के घाट उतारा है। सोमवार को सरपंच व उनकी पत्नी की आतंकी हमले में हुई मौत को लेकर जम्मू में भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया। मंगलवार को फिर घाटी में आतंकी सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड हमला करके भाग निकले।
पहला हमला दक्षिण कश्मीर के शोपियां के जैनपुरा इलाके में सीआरपीएफ पार्टी पर किया गया जिसमें एक जवान जख्मी हुआ और फिर मंगलवार दोपहर को ही श्रीनगर के लाल चौक से सटे हरी सिंह हाई स्ट्रीट इलाके में सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हुए अज्ञात आतंकी ने ग्रेनेड फेंका। जिसके विस्फोट के कारण उसकी जद में आए तीन लोग जख्मी हो गए‚ जिनमें दो महिलाएं हैं। समूचे इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया है।
एजेंसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जम्मू में बड़े आतंकी हमलों (Terror Attacks) को लेकर लगातार इनपुट मिल रहे हैं इसलिए यहां तलाशी अभियान के अलावा हर आने–जाने वाले पर पैनी निगाह रखी जा रही है। ड्रोन के जरिए हमले किए जाने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा रहा है। वही जिस प्रकार हाल के दिनों में नियंत्रण रेखा के जिला राजौरी के अलावा अखनूर के चौकी चौरा व सांबा के कुछ इलाकों में संदिग्धों को देखे जाने कि लगातार सूचनाएं आ रही हैं उससे आशंका है कि यदि वह आतंकी है तो शायद कहीं छिप गए हैं।
सरहद पार से जिला कठुआ और सांबा की भारत पाक सीमा पर ड्रोन की आवाजाही के अलावा आतंकी दस्तों की घुसपैठ को लेकर खासा दबाव बना हुआ है। पाकिस्तान की दिशा से घातक हथियारों से लैस आतंकी दस्ते (Terrorists) इन्हीं इलाकों में घुसपैठ करने की कोशिश में लगे हैं। इसलिए यहां कई बार सैन्य वर्दी में भी संदिग्ध दिखाई देते रहते हैं। खुफिया इनपुट इस प्रकार के भी हैं कि जम्मू का सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए यहां के बड़े धार्मिक स्थलों पर आतंकी हमलों (Terror Attacks) को अंजाम दिया जा सकता है। इसे लेकर सेना, अर्ध सैनिक बल और राज्य पुलिस हाई अलर्ट पर हैं।