खूंखार आतंकी जाकिर मूसा का गिरोह अब खात्मे की कगार पर है। दक्षिणी कश्मीर के त्राल इलाके में मूसा गैंग के 6 आतंकियों के एनकाउंटर के बाद इस गिरोह में उंगलियों पर गिने जाने लायक आंतकी ही बचे हैं। पुलिस के मुताबिक, इस गिरोह के बस 4 आतंकी ही जिंदा बचे हैं। खास ये है कि मूसा का गुट एक गैंग की तरह काम करता है। इसको किसी संगठन का समर्थन हासिल नहीं है और इसी के चलते अब ये खत्म होने की कगार पर आ चुका है।
जाकिर मूसा 2017 में उस वक्त सुर्खियों में आया था जब उसने अल कायदा की तर्ज पर खिलाफत आंदोलन के साथ जुड़ने की घोषणा की थी। इसका एक कथित ऑडियो क्लिप भी सामने आया था। इस घोषणा के बाद हिज्बुल ने उससे दूरी बना ली और इस तरह मूसा हिज्बुल से अलग होकर अपना गैंग चलाने लगा। इससे पहले 2013 में बुरहान वाली की अगुवाई वाले हिज्बुल-उल-मुजाहिद्दीन में शामिल हुआ था। मूसा के बारे में एक तथ्य ये है कि वो जम्मू-कश्मीर का सबसे लंबे वक्त तक ज़िंदा रहने वाला आतंकी है। 2013 में जब वह हिज्बुल में शामिल हुआ था तो उसकी 19 साल थी।
पुलिस के मुताबिक, ‘मूसा के गैंग में अब सिर्फ 4 आतंकी ही बचे हैं। हालांकि, वह नए आतंकियों को भी शामिल कर सकता है लेकिन बिना किसी संगठन के समर्थन के और हुर्रियत के खिलाफ जाने के चलते वह जमीनी स्तर पर ज्यादा असर नहीं छोड़ सकता है।’
मतलब ये है कि मूसा के जाने का वक्त भी आ गया है।