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मोहब्बत के हाथों मजबूर खूंखार नक्सली ने थामा ज़िंदगी का दामन

जंगल की ज़िंदगी हमेशा कठिन होती है। अंधेरे में खोई वीरानी ज़िंदगी। जंगल में रहते वक्त इस बात का एहसास ही नहीं होता कि उजाला नाम की कोई चीज भी है, लेकिन कहते हैं ना जहां चाह है वहां राह है। ऐसी ही राह मिली ओडिशा के मल्कानगिरी के रहने वाले दो नक्सलियों को, रघु और राधा। सालों तक जगंल में आतंक का खेल खेलते-खेलते जाने कब जिंदगी ने इनके दिल में दस्तक दी, इन्हें पता ही नहीं चला। ज़िंदगी आई तो मोहब्बत पनपी और फिर ये एहसास ज़ोर मारने लगा कि मोहब्बत की बस्ती में अंधेरे की क्या हस्ती।

लिहाजा, हथियार छोड़ कर इन दोनों पूर्व नक्सलियों ने जिंदगी का दामन थाम लिया। राधा ने जुलाई 2016 में पुलिस के सामने सरेंडर किया तो वहीं रघु ने मार्च 2017 में हथियार डाल दिए। फिर ओडिशा के पुलिस महकमे ने इनकी शादी करवाने का जिम्मा उठा लिया। आखिर, पुलिस वाले भी तो यही चाहते हैं कि लोग शांति और प्यार से रहें।

अब शादी पुलिस महकमे की मदद से हुई तो जाहिर है बड़ी संख्या में पुलिस वाले भी समारोह में शरीक हुए। पुलिस के तमाम आला अधिकारी भी पहुंचे। इन्होंने ना सिर्फ इस पूर्व नक्सली जोड़े को आशीर्वाद दिए बल्कि ढेरों उपहार भी दिए ताकि वे अपनी आइंदा जिंदगी को सुखद बना सकें।

वीडियो में देखें इनकी कहानी-

पुलिस विभाग के मुताबिक, इन दोनों की शादी पूर्व नक्सलियों के रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम के तहत करवाई गई। ये सिर्फ अकेली घटना नहीं है। पुलिस महकमा हमेशा ऐसे नक्सलियों की मदद के लिए तत्पर रहता है जो हिंसा का रास्ता छोड़ कर नई जिंदगी बसर करना चाहते हैं। मुख्य धारा में लौटना चाहते हैं। इसके लिए बाकायदा पुलिस विभाग उन्हें तरह-तरह की ट्रेनिंग भी मुहैया कराती है जिससे वे अपने लिए रोजगार का इंतजाम कर सकें। इतना सब के बावजूद, तमाम ऐसे लोग हैं जो जंगल में रहते हुए हथियार का रास्ता अपनाए हुए हैं। उम्मीद है किसी ना किसी दिन उन्हें भी जिंदगी की आहट सुनाई दे ही जाएगी।