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पाकिस्तानी एजेंट था पीडीपी नेता, चुनाव जीतने के लिए आतंकियों की मदद लेता था महबूबा का ये चहेता

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का करीबी वरिष्ठ पीडीपी नेता वहीद–उर–रहमान पारा (Waheed-ur-Rehman Parra) पाकिस्तान के आतंकी संगठनों (Terror Groups) का चहेता रहा है। 2007 से पत्रकार व नेता के रूप में उसका सफर ‘छल-प्रपंच‚ धोखाधडी और पाखंड’ की कहानी रही है। ये सारे आरोप उसके खिलाफ दाखिल पुलिस के चार्जशीट में लगाया गया है।

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महबूबा मुफ्ती के करीबी पारा (Waheed-ur-Rehman Parra) पर आरोप है कि उसने राजनीतिक फायदे के लिए आतंकियों से सहयोग पाने के लिए उनके साथ साठगांठ कर रखा था और बदले में उन्हें कई तरह की मदद पहुंचाता था। जिसके परिणाम स्वरूप महबूबा के शासनकाल में राज्य में कई आतंकी हमले हुये।

पांच गवाहों और तकनीकी साक्ष्यों की मदद से अपराध जांच कश्मीर (CIK) ने हाल ही में एनआईए कोर्ट में इस चार्जशीट को दायर किया है। जिसमें आरोप लगाया गया है कि पारा की पाकिस्तान के आतंकी संगठनों (Terror Groups) के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए आतंकियों से मिली-भगत थी और साथ ही वह यह भी सुनिश्चित करता था कि उसके राजनीतिक विरोधियों का सफाया हो जाए।

19 पन्नों के इस चार्जशीट में आतंकी संगठनों (Terror Groups) को पैसा देकर अपनी पार्टी के पक्ष में चुनावी पलड़ा भारी करने के लिए राजनीतिक विरोधियों का सफाया करने और अपने पार्टी नेताओं की मदद पहुंचाने के प्रयासों की कई घटनाओं का जिक्र है।

हालांकि पारा के वकील ने पारा (Waheed-ur-Rehman Parra) की जमानत व हिरासती अर्जियों की सुनवाई के दौरान इन आरोपों से इनकार किया है और दावा किया है कि पिछले साल जिला विकास परिषद का चुनाव जीतने के कारण उनके मुवक्किल को राजनीतिक बलि का बकरा बनाया जा रहा है।

इस चार्जशीट में पाकिस्तान में ट्रेनिंग पाए आतंकी अबू दूजाना और अबू कासिम के साथ उसके संबंधों का विस्तार से जिक्र है जो सुरक्षाबलों के साथ अलग–अलग मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं। उसमें यह आरोप लगाया गया है कि वह उनसे व्यक्तिगत रूप से या उनके लिए काम करने वालों के माध्यम से मिला करता था। चार्जशीट में दावा किया गया है कि खूंखार पाकिस्तानी आतंकी अबू दूजाना की एक लड़की से जबरिया शादी में भी पारा का ही हाथ था।