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फिर से आतंक की ढाल बना चीन

चीन (China) ने चौथी मर्तबा मसूद अजहर को अपने वीटो पावर का इस्तेमाल करके ग्लोबल आतंकी घोषित होने से बचा लिया है। चीन (China) की इस हरकत ने भारत के तरफ से किए जा रहे तमाम प्रयासों एवं मंसूबों पर पानी फेर दिया। भारत ने चीन (China) की इस हरकत पर कठोर आपत्ति दर्ज कराई है। भारत के पक्ष में अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बयान देते हुये कहा है कि अगर चीन (China) लगातार इस तरह की अड़चन बनता रहा, तो जिम्मेदार देशों को कोई और कदम उठाना पड़ेगा।

ज्ञात रहे कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध समिति के समक्ष मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने प्रस्ताव 27 फरवरी को पेश किया गया था जिसमें फ्रांस,ब्रिटेन और अमेरिका ने प्रस्ताव का साथ दिया था। समिति ने सदस्य देशों को आपत्ति दर्ज करने के लिए 10 दिनों का समय दिया था। चीन ने तय समयानुसार से कुछ घंटे पहले ही प्रस्ताव पर अड़ंगा लगा दिया, जबकि लगभग सभी देश अजहर मसूद पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में खड़े थे।

अमेरिका ने सख़्त होते हुये कहा कि पाकिस्तान चीन की मदद से कई बार जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित होने से लगातार बचाता रहा है। अब सुरक्षा परिषद के अन्य सभी सदस्यों को सख्त रुख अपनाना पड़ेगा। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता रॉबर्ट पलाडिनो ने कहा कि आतंक सरगना अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं।

पैलाडिनो ने वॉशिंगटन में कहा कि मसूद के संगठन जैश-ए-मोहम्मद को यूएन पहले ही आतंकी संगठन घोषित कर चुका है। ऐसे में चीन द्वारा उसे एक वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रयास के विरोध में वीटो करना बेहद गलत है। जैश कई आतंकवादी हमलों में शामिल रहा है और वह क्षेत्रीय स्थिरता एवं विश्व शांति के लिए खतरा है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी अपने बयान में चीन के इस व्यवहार पर निराशा जताई है। इसके साथ अन्य सभी देश जो इस प्रस्ताव के पक्ष में खड़े थे उन सभी का आभार भी व्यक्त किया है।

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