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रंग ला रहा लोन वर्राटू अभियान, 60 दिन में 70 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

सांकेतिक तस्वीर।

एसपी डॉ अभिषेक पल्लव के कहा कि लोन वर्राटू अभियान और परिजनों व ग्रामीणों के समझाने पर नक्सली (Naxal) हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में जुड़ रहे हैं। उन्हें फोर्स में आने का मौका देने के साथ खेती-किसानी के साथ समाज हित में कार्य करने की छूट दी जा रही है।

अब वह दिन दूर नहीं जब छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद (Naxalism) का नाम खत्म हो जाएगा। बीते दिनों नक्सलियों ने जितनी भी मजबूत होने की कोशिश की, उससे ज्यादा वह कमजोर होते गए। कई नक्सली तो पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। वहीं ज्यादातर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में वापसी की है। पुलिस के लोन वर्राटू अभियान से प्रेरित होकर वह घर लौट रहे हैं।

नक्सली 28 जुलाई से 3 अगस्त के बीच शहीदी सप्ताह मना रहे थे। इस दौरान वह किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में रहते हैं। पर इस बार ऐसा नहीं हुआ। एसपी डॉ अभिषेक पल्लव बताते हैं कि नक्सली (Naxal) इस बार किसी बड़ी घटना को अंजाम देने में विफल रहे। इससे पहले वह शहीदी सप्ताह के दौरान रेल पटरी उखाड़ने, आगजनी करने, हत्या, अपहरण और लूटपाट जैसी घटनाओं को अंजाम देते थे। पुलिस की चौकसी और लगातार धर पकड़ की वज़ह से नक्सली (Naxal) परेशान हैं। शहीदी सप्ताह के दौरान वह संगठन को और अधिक मज़बूत करने के लिए नए लड़के भर्ती करते हैं। लेकिन इस बार इसका उल्टा ही हुआ है। 60 दिनों में 70 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण से मुख्यधारा में वापसी की है।

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एसपी डॉ अभिषेक पल्लव के कहा कि लोन वर्राटू अभियान और परिजनों व ग्रामीणों के समझाने पर नक्सली (Naxal) हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में जुड़ रहे हैं। उन्हें फोर्स में आने का मौका देने के साथ खेती-किसानी के साथ समाज हित में कार्य करने की छूट दी जा रही है। बता दें कि लोन वर्राटू अभियान 30 जून को कटेकल्याण के चिकपाल में लांच किया गया था। इस अभियान के तहत सबसे पहले 2 लाख रुपये के इनामी नक्सली (Naxal) ने आत्मसमर्पण किया था। इसके बाद 1 जुलाई को 18, 4 जुलाई को 7, 8 जुलाई को 2, 9 जुलाई को 22, 14 जुलाई को 5 और 22 जुलाई को 11 नक्सलियों (Naxal) समेत कई अन्य ने आत्मसमर्पण किया था। वहीं बहन के कहने पर 8 लाख के इनामी नक्सली (Naxal) ने 1 अगस्त को एसपी के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। लोन वर्राटू अभियान से नक्सलियों के मुख्यधारा में वापसी की गति तेज हो गई है।