फूलपाड़ जलप्रपात (Phulpad Waterfall), दंतेवाड़ा (Danewada) जिले के कुआकोंडा ब्लॉक के पालनार गांव के पास है। जिला मुख्यालय से 36 किमी दूर स्थित पालनार मुख्यमार्ग से सात किमी की दूरी पर यह जलप्रपात है।
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के में कई ऐसी जगहें हैं, जिनकी प्रकृति सुंदरता देखने लायक है। पर्यटन के लिए ये स्थल अनुकूल हैं। लेकिन नक्सलियों (Naxalites) की वजह से यहां पर्यटन को बढ़ावा नहीं मिल पाया था। हालांकि, अब इन इलाकों में प्रशासन की पहुंच बढ़ने से हालात बदल रहे हैं।
दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले का खूबसूरत फूलपाड़ जलप्रपात (Phulpad Waterfall) भी ऐसे ही स्थलों में से एक है। जिला मुख्यालय से 43 किमी दूर स्थित प्रकृति की इन वादियों और झरनों तक सड़क न होने की वजह से कम ही लोग पहुंच पाते हैं। लेकिन फोर्स की निगरानी में फूलपाड़ में सड़कें बिछ रही हैं।
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फूलपाड़ जलप्रपात, दंतेवाड़ा (Danewada) जिले के कुआकोंडा ब्लॉक के पालनार गांव के पास है। जिला मुख्यालय से 36 किमी दूर स्थित पालनार मुख्यमार्ग से सात किमी की दूरी पर जलप्रपात है। मुख्यमार्ग से अंदर का रास्ता मुश्किल है। लोक निर्माण विभाग ने पालनार के आगे अरनपुर से पटेलपारा तक सात किमी सड़क का काम शुरू किया है।
मुख्य मार्ग से झरने तक ढाई करोड़ की लागत से सात किमी सड़क का निर्माण तेज गति से चल रहा है। सड़क बनने और इलाका सुरक्षित हो जाने से यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे इस इलाके को पर्यटन स्थल के रूप में नई पहचान मिल सकेगी। फूलपाड़ जलप्रपात बैलाडीला के पहाड़ से निकलने वाले कुरूम नाले पर स्थित है। यहां नाले का पानी करीब सौ फीट की ऊंचाई से तीन चरणों में गिरता है। यहां का नजारा गजब का है।
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बता दें कि दक्षिण बस्तर के जंगलों में करीब एक दर्जन ऐसे जलप्रपात हैं जो पर्यटकों की नजरों से दूर हैं। फूलपाड़ के अलावा दंतेवाड़ा जिले में बैलाडीला के पहाड़ पर झारालावा जलप्रपात भी लोगों की पहुंच में आने जा रहा है। यहां बासनपुर से झिरका गांव तक सड़क बन रही है। अभी झारालावा जाने के लिए पहाड़ी रास्तों पर पहले बाइक से फिर पैदल चलना पड़ता है।
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इसी रास्ते से होकर बैलाडीला का एक और झरना मलनगिरी भी पहुंच में आ जाएगा। दंतेवाड़ा जिले के छिंदनार में इंद्रावती का पुल बनने से नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के जंगल में मौजूद हांदावाड़ा का विहंगम जलप्रपात भी आम लोग देख पाएंगे।