जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में दशकों से की जा रही राजनीतिक हत्यायों के बाद अब हिंदु समुदाय के लोगों की टारगेट किलिंग ने एक बार फिर से घाटी में भय और डर का माहौल बना दिया है। ऐसे में केंद्र सरकार ने फौरन जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिंहा को दिल्ली तलब किया है। आज गृहमंत्री अमित शाह पूरे मसले पर गंभीरता से विचार करने वाले हैं। जल्द ही घाटी में बड़ा ऑपरेशन शुरू होने की आशंका है।
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इसी बीच घाटी में रह रहे लोगों के लिए चिंता की बात ये है कि आतंकी मुख्य रूप से हिंदु समुदाय में उन लोगों को टारगेट कर रहे हैं जो शिक्षा अथवा चिकित्सा पेशे से जुड़े थे। यहां बड़ी तादाद में विभिन्न राजनीतिक दलों‚ सामाजिक‚ धार्मिक व व्यापारिक संगठनों के अलावा जम्मू–कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जम्मू की ओर से भी प्रदर्शन कर नाराजगी जाहिर की गई। इन सब ने पाकस्तान के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की भी मांग की। घाटी में रह रहे हिंदु समुदाय के लोगों का कहना है की मौजूदा समय में हालात सन 1990 से भी खतरनाक बनते दिखाई दे रहे हैं।
घाटी में आतंकवाद के शुरू होने से अब तक जितनी भी स्थानीय नागरिकों की मौतें हुई हैं‚ उनमें काफी बड़ी तादाद स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोगों की है। लेकिन‚ इस महीने में जिस प्रकार आतंकियों ने टारगेट किलिंग शुरू की है उससे घाटी में एक बार फिर अजीब सा सन्नाटा पसरता दिखाई दे रहा है।
जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में रह रहे हिंदु समुदाय के लोगों पर घाटी से बाहर रह रहे उनके रिश्तेदारों लगातार दबाव बना रहे हैं कि वे लोग कश्मीर छोड़कर बाहर आ जाएं। इन तमाम घटनाओं ने घाटी में रह रहे हिंदुओं के मनोबल को तोड़ना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि घाटी से अब पलायन का सिलसिला देखऩे को मिल रहा है।
वहीं जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) प्रशासन द्वारा घाटी में सरकारी संस्थानों में काम करने वाले हिंदूओं को 10 दिन की छुट्टी दी गई है। जिससे कि वे लोग स्थिति सामान्य होने तक सुरक्षित जगह जा सकें।