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युद्ध के लिए जरूरी सामान खरीदने के लिए नहीं लेनी होगी सरकार की इजाजत, सेनाओं को मिला 500 करोड़ तक की खरीदारी करने का अधिकार

भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने राजस्व खरीद के लिए भारतीय सैन्य बलों की वित्तीय शक्तियों के विस्तार को मंजूरी दी जिससे कि परिचालन संबंधी तैयारियों के लिए खरीदारी करने में विलंब न हो और आवश्यकताओं को जल्द पूरा किया जा सके।

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रक्षा मंत्रालय के मुताबिक,  भारतीय सेनाओं के उप प्रमुखों की वित्तीय शक्तियों को 500 करोड़ रुपए की कुल सीमा के अधीन 10 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है। वित्तीय शक्तियों को बढ़ाने का प्राथमिक उद्देश्य फील्ड कमांडरों और अन्य अधिकारियों को तत्काल परिचालन आवश्यकताओं और अन्य आवश्यक वस्तुओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए तेजी से उपकरण और ‘युद्ध जैसे जरूरी भंडार’ की खरीद के लिए सशक्त बनाना है। भारतीय वायु सेना के लिए विमान और संबंधित उपकरणों को किराये पर लेने का एक नया कार्यक्रम पेश किया गया है।

राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने वित्तीय शक्तियों के विस्तार के निर्णय को ‘रक्षा सुधारों की दिशा में एक और बड़ा कदम’ करार दिया। मंत्रालय के मुताबिक, सेवा मुख्यालयों और अधीनस्थ कार्यालयों में अधिकारियों की वित्तीय शक्तियों के विस्तार से सभी स्तरों पर तेजी से निर्णय लेने के साथ ही बेहतर योजना और परिचालन तैयारियों को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

रक्षा मंत्री (Rajnath Singh) ने अपने ट्वीट में बताया कि सुरक्षा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए रक्षा सुधारों की दिशा में एक और बड़ा कदम। परिचालन तैयारियों‚ खरीद करने में आसानी और सेवाओं के बीच एकजुटता को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए क्षेत्रीय संरचनाओं को वित्तीय शक्तियां प्रदान की गई हैं। पिछली बार रक्षा सेवाओं के लिए सभी स्तरों पर इस तरह की बढ़ोतरी 2016 में की गई थी।