50 लाख डॉलर पाने का सुनहरा मौका: अफगान गृह मंत्रालय में मिलेगा अमेरिका का मोस्ट वांटेड, पकड़वाने वाले को मिलेगा इनाम

सिराजुद्दीन हक्कानी (Sirajuddin Haqqani) को भूरी या काली आंखों वाला, काले बालों वाला व्यक्ति, 5 फीट 7 इंच लंबा, मध्यम आकार और 150 पाउंड वजन, हल्का और झुरीर्दार रंग और अरबी बोलने वाला बताया गया है।

Sirajuddin Haqqani

दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका आतंकवाद के खात्मे के लिए दुनिया के कई देशों में हमले करने की शक्ति रखता है। लेकिन अभी भी कई ऐसे आतंकी हैं जो अमेरिका में मोस्टवांटेड होने के बावजूद उसकी पकड़ी से दूर हैं। ऐसा ही एक आतंकी हैं हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक के बेटा सिराजुद्दीन हक्कानी (Sirajuddin Haqqani), जिसकी गिरफ्तारी की सीधे सूचना देने वाले को अमेरिका का डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट 50 लाख डॉलर तक का इनाम देगा।

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गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद के नेतृत्व में नए गृहमंत्री के रूप में नामित तालिबान का शीर्ष नेता हक्कानी (Sirajuddin Haqqani), जिसके बारे में कहा जाता है कि उसने 40 साल की उम्र में अपने पिता जलालुद्दीन हक्कानी को हक्कानी नेटवर्क के नेता के रूप में सफल किया था। उस पर अफगानिस्तान में कुछ सबसे हिंसक हमलों का आरोप लगाया गया है और उसे अमेरिका द्वारा आतंकवादी घोषित किया गया है।

एफबीआई की वेबसाइट पर एक पोस्टर के अनुसार, सिराजुद्दीन हक्कानी (Sirajuddin Haqqani) को भूरी या काली आंखों वाला, काले बालों वाला व्यक्ति, 5 फीट 7 इंच लंबा, मध्यम आकार और 150 पाउंड वजन, हल्का और झुरीर्दार रंग और अरबी बोलने वाला बताया गया है।

उसके उपनाम हैं- सिराज, खलीफा, मोहम्मद सिराज, सरजादीन, सिरोदजिद्दीन, सेराज, अरकानी, खलीफा (बॉस) साहिब, हलीफा, अहमद जिया, सिराजुद्दीन जलालौदीन हक्कानी, सिराज हक्कानी, सेराजुद्दीन हक्कानी, सिराज हक्कानी, और सरज हक्कानी।

अमेरिकी न्याय विभाग का कहना है कि वह जनवरी 2008 में काबुल के एक होटल में हुए हमले के सिलसिले में पूछताछ के लिए मोस्टवांटेड है, जिसमें एक अमेरिकी नागरिक सहित छह लोग मारे गए थे।

ऐसा कहा जाता है कि हक्कानी (Sirajuddin Haqqani) ने अमेरिका और अफगानिस्तान में गठबंधन बलों के खिलाफ सीमा पार हमलों में समन्वय और भाग लिया था। वह कथित तौर पर 2008 में अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई पर हत्या के प्रयास की योजना में भी शामिल था।

हालांकि, हक्कानी (Sirajuddin Haqqani) ने पिछले साल दोहा समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले न्यूयॉर्क टाइम्स में अपनी राय लिखी थी। जिसके मुताबिक, चार दशकों से अधिक समय से, हर दिन कीमती अफगान जीवन खो रहे हैं। हर किसी ने अपना प्यार खो दिया है। हर कोई युद्ध से थक गया है। ऐसे में उसे विश्वास है कि हत्या और अपंगता रुकनी चाहिए।

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