चीन ने उम्मीद जताई कि तालिबान अफगानिस्तान (Afghanistan) में ‘खुले व समग्र’ इस्लामिक सरकार की स्थापना के अपने वादे को निभाएगा और बिना हिंसा व आतंकवाद के शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता हस्तांतरण सुनिश्चित करेगा।
अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जा करने वाला तालिबान आखिर है कौन? यहां जानें कट्टरता और क्रूरता की पूरी कहानी
अफगानिस्तान की सरकार गिरने के बाद पहली बार प्रतिक्रिया जताते हुए चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा‚ अफगानिस्तान (Afghanistan) में स्थिति में बड़ा बदलाव आया है। हम अफगानिस्तान के लोगों की इच्छा व विकल्प का सम्मान करते हैं।
वहीं चीन का चापलूस देश पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान तालिबान द्वारा काबुल पर नियंत्रण किए जाने का समर्थन किया। इमरान ने कहा कि अफगानिस्तान (Afghanistan) ने ‘गुलामी की जंजीरों’ को तोड़ दिया है।
इमरान ने ये बयान कक्षा एक से पांच तक एकल राष्ट्रीय पाठ्यक्रम (एसएनसी) के पहले चरण की शुरुआत के लिए आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए दी। इमरान के अनुसार, किस प्रकार समानांतर शिक्षा प्रणाली से अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का जन्म हुआ‚ जिसके बाद पाकिस्तान में किसी और की संस्कृति को अपनाया गया।
इमरान ने कहा कि जब आप किसी की संस्कृति अपनाते हैं तो आप इसे श्रेष्ठ मानते हैं और आप इसके दास बन जाते हैं। उन्होंने कहा कि इससे मानसिक गुलामी की ऐसी प्रणाली तैयार होती है जो वास्तविक गुलामी से भी बदतर है।