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Vijay Diwas 2020: 1971 के युद्ध में भारत ने दर्ज की थी ऐतिहासिक जीत, पाकिस्तान को 13 दिनों में ही चटा दी थी धूल

फाइल फोटो।

इस युद्ध में भारत ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी और इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान पर जीत का ऐलान संसद में किया था। तब से 16 दिसंबर को ‘विजय दिवस’ (Vijay Diwas) के रूप में मनाते हैं।

Vijay Diwas 2020: साल 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध (India-Pakistan War) हुआ था। इस युद्ध में भारत ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी और पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश बना था। पाकिस्तान के 93,000 सैनिकों ने भारतीय सेना (Indian Army) के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके नियाजी ने भारतीय सेना के सामने हथियार डाल दिए थे।

इसके बाद भारतीय सेना (Indian Army) ने 17 दिसंबर को 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को हथियार छोड़ने के बाद युद्ध बंदी बना लिया गया था। इसका असर यह हुआ कि पाकिस्तान को युद्ध के शुरू होने के सिर्फ 13 दिनों में ही बेहद करारी हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, इस युद्ध में 3, 900 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि 9,851 घायल हुए थे।

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तनाव 1971 की शुरुआत से ही था, लेकिन दिसंबर में इस युद्ध की शुरुआत कराने में भारत ने नहीं बल्कि पाकिस्तान ने भूमिका निभाई थी। 3 दिसंबर को पाकिस्तानी वायु सेना ने भारत के कई इलाकों में बम गिराने शुरू कर दिए। पठानकोट, आगरा, अमृतसर जैसी जगहों पर बम गिराए गए।

इस घटना को देखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकालीन बैठक की और इस बैठक के ठीक बाद युद्ध की शुरुआत हो गई। दो हफ्ते बीतते-बीतते ये युद्ध भारत के पक्ष में आ चुका था। 16 दिसंबर को पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना की एक गुप्त मीटिंग से पहले ही भारतीय सेना ने मीटिंग स्थल पर हमला कर दिया और यहां मौजूद पाकिस्तानी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके नियाजी को आत्मसमर्पण करने को मजबूर कर दिया।

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भारतीय सेना के अफसर जनरल अरोड़ा हेलीकाप्टर से ढाका पहुंचे। अरोड़ा के सामने ही पाकिस्तानी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके नियाजी ने आत्मसमर्पण किया। दोनों लोग एक मेज पर आमने-सामने बैठे। नियाजी ने अपनी रिवाल्वर जनरल अरोड़ा को दी। वर्दी से अपने बिल्ले उतारे। बताते हैं कि समर्पण करते वक्त पाकिस्तानी कमांडर की आंखों में आंसू आ गए थे। इसके अगले दिन ही 93 हजार पाकिस्तानी सैनिक बंदी बने और पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए। इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान पर जीत का ऐलान संसद में किया था। तब से 16 दिसंबर को ‘विजय दिवस’ (Vijay Diwas) के रूप में मनाते हैं।