बालाघाट (Balaghat) में सड़कों के बनने से 3 तहसीलों के बीच फासला कम होगा, जिससे नक्सलवाद कमजोर पड़ेगा। बता दें कि दुर्गम रास्तों की वजह से नक्सलियों को काफी फायदा होता था।
बालाघाट: मध्य प्रदेश का बालाघाट (Balaghat) एक नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। लेकिन यहां बनने वाली 42 सड़कों की वजह से नक्सलवाद पर लगाम लगेगी। इन सड़कों को बनाने के लिए लंबे समय से मांग की जा रही थी, लेकिन अब इस काम को हरी झंडी मिल गई है। इन सड़कों के बनने से करीब 782 गांवों के लोगों की जिंदगी में बदलाव आएगा और उन्हें इस सड़कों से आने-जाने में सुविधा होगी। अभी तक ये लोग दुर्गम रास्तों से आते-जाते थे।
सड़कों के बनने से 3 तहसीलों के बीच फासला कम होगा, जिससे नक्सलवाद कमजोर पड़ेगा। बता दें कि दुर्गम रास्तों की वजह से नक्सलियों को काफी फायदा होता था, वह घटनाओं को अंजाम देकर भाग निकलते थे और सुरक्षाबलों को इन दुर्गम रास्तों को पार करने में मुश्किल होती थी। लेकिन इन रास्तों के बनने से अब आसानी से सुरक्षाबल घटनास्थल पर भी पहुंच सकेंगे और नक्सलियों को भी जवाब दे सकेंगे। सड़कें बनने से नक्सली मूवमेंट रुक जाएगा।
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राहत की बात ये है कि नक्सली इन सड़कों के बनने में बाधा नहीं डाल पाएंगे क्योंकि निर्माण के समय यहां कड़ी सुरक्षा रहेगी। ऐसे में ठेकेदार निश्चिंत होकर काम कर सकेंगे। पुलिस के सीनियर अधिकारी इस काम पर नजर रखेंगे।
बालाघाट के एसपी अभिषेक तिवारी ने इस मामले में बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि जिले में नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क संपर्क मजबूत करने की प्लानिंग है, इस दौरान 42 सड़कों का निर्माण किया जाना है। इससे नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सकेगा।