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छत्तीसगढ़: लगातार हो रहा नक्सलियों का आत्मसमर्पण, अब बीजापुर में 2 लाख के इनामी नक्सली ने किया सरेंडर

बीजापुर में 2 लाख के इनामी नक्सली ने सरेंडर कर दिया।

छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद (Naxalism) के खिलाफ प्रशासन को लगातार सफलता मिल रही है। नक्सली विचारधारा से त्रस्त होकर और सरकार की पुनर्वास नीतियों से प्रभावित होकर नक्सली (Naxali) लगातार लाल आतंक (Red Terror) का रास्ता छोड़ मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। इसी कड़ी में प्रदेश के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में एक इनामी नक्सली ने आत्मसमर्पण कर दिया है।

इस नक्सली (Naxali) का नाम राजू आयाम है। इस पर प्रशासन की ओर से दो लाख का इनाम था। वह मिलिट्री प्लाटून नंबर 16 का सदस्य था। नक्सली ने एसपी कमलोचन कश्यप और सीआरपीएफ डीआईजी कोमल सिंह के सामने सरेंडर कर दिया। पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप के मुताबिक, छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर 9 जून को नक्सली ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है।

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उन्होंने बताया कि मिलिट्री प्लाटून नंबर 16 और माड़ डिवीज़न का सक्रिय सदस्य राजू ओयाम ने समर्पण किया है। राजू पर 2 लाख का इनाम घोषित है। एसपी कश्यप ते अनुसार, नक्सली मिलिट्री प्लाटून नंबर 16 का सदस्य राजू साल 2008 से संगठन से जुड़ा है। राजू ओयाम को सरकार की आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति के तहत दस हजार प्रोत्साहन राशि दी गई है।

बता दें कि राज्य में नक्सलियों (Naxals) का आत्मसमर्पण लगातार हो रहा है। बता दें कि इससे पहले सुकमा में एक साथ 7 नक्सलियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के सामने घुटने टेक दिए। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में एक महिला नक्सली (Woman Naxali) भी है। इनमें से कई नक्सली बुर्कापाल में हुई आगजनी सहित और अन्य वारदातों में शामिल रहे हैं। इनमें एक कोंटा एरिया कमेटी इंचार्ज का बॉडीगार्ड भी है। बताया जा रहा है कि इन्होंने सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर सरेंडर किया है।

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सरेंडर करने वाले नक्सलियों (Naxals) में मुचाकी एंका उर्फ व्यंकटेश, ये सोड़ी केशा, कोंटा एरिया कमेटी इंचार्ज का बॉडीगार्ड था। मुचाकी बांकुपारा और बुर्कापाल में हुई वारदातों में शामिल रहा। इसके साथ कवासी कन्ना, कुंजाम बामून, कट्टम लिंगा, मुचाकी हुंगा, कट्‌टम श्रीनु और कवासी हड़मे ने भी सरेंडर किया है। सभी सुकमा के भेजी थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। ये सभी सुकमा में हुई फायरिंग और आगजनी जैसी अलग-अलग वारदातों में शामिल रहे हैं।

कहा जा रहा है कि सरेंडर करने वाले सभी नक्सली संगठन (Naxal Organization) की खोखली विचारधारा, शोषण, अत्याचार, भेदभाव और हिंसा से आजिज आ चुके थे। इसी वजह से इन नक्सलियों ने प्रशासन के सामने सरेंडर किया है। सरेंडर करने वाले सभी नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।