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झारखंड की आदिम जनजाति के अच्छे दिन आए, बदलेगी गांवों की सूरत, खर्च होंगे इतने रुपए

सांकेतिक तस्वीर

सरकार ने इस योजना पर एक साल में 5 करोड़ रुपए खर्च करने की तैयारी की है। सरकार ने झारखंड (Jharkhand) में आदिवासी कल्याण आयुक्त को 5 करोड़ रुपए भी दे दिए हैं। आदिवासी कल्याण आयुक्त हर्ष मंगला ने राज्य के उपायुक्तों को पत्र लिखा है, इसमें उन्हें संबंधित मामले में निर्देश दिए गए हैं।

झारखंड (Jharkhand) में रहने वाले आदिम जनजाति परिवारों की किस्मत बदलने वाली है। सरकार ने इस जनजाति के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सरकार ने एक योजना तैयार की है, जिसके तहत इस जनजाति को पक्का घर, पेंशन, शिक्षा, पानी, बिजली, सड़क जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।

सरकार ने इस योजना पर एक साल में 5 करोड़ रुपए खर्च करने की तैयारी की है। इससे 8 आदिम जनजातियों का विकास किया जा सकेगा।

सरकार ने इसके लिए आदिवासी कल्याण आयुक्त झारखंड को 5 करोड़ रुपए भी दे दिए हैं। आदिवासी कल्याण आयुक्त हर्ष मंगला ने राज्य के उपायुक्तों को पत्र लिखा है, इसमें उन्हें संबंधित मामले में निर्देश दिए गए हैं।

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मंगला ने कहा है कि अनुसूचित जनजाति के पीभीटीजी गांव बाहुल्य योजना के तहत एक करोड़ रुपए और जनजातीय क्षेत्रीय उपयोजना के अंतर्गत 4 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। इससे गांवों का विकास होगा और कमजोर तबके के लोगों को राहत मिलेगी।

इस योजना में हर परिवार को एक घर प्रस्तावित है। ये विकास का कार्य ग्रामसभा के जरिए किया जाएगा। बात दें कि गुमला में अभी भी आदिम जनजाति काफी पिछड़ी हुई है, और उन्हें बुनियादी चीजों के लिए भी मशक्कत करनी पड़ती है।

सड़क, आवास और शौचालय जैसी कई चीजें हैं, जिनसे ये लोग अभी तक दूर हैं। बिजली, पानी, पेंशन जैसी कई सुविधाओं का लाभ मिलने से इस जनजाति का जीवन ही बदल जाएगा।

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