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धर्मांतरण रैकेट: 24 राज्यों में फैला आरोपी उमर गौतम का जाल, ISI के भेजे पैसे से चलता था ये गंदा खेल

देश–विदेश में धर्मांतरण (Forceful Conversion) कराने वाले मोहम्मद उमर गौतम (Umar Gautam) के बारे में लगातार नए खुलासे होते जा रहे हैं। एटीएस (UP ATS) की जांच में सामने आया है कि उसने देश के 24 राज्यों में इस रैकेट को फैलाने में सफलता हासिल कर ली थी। हालांकि उसके आतंकी संगठनों के साथ संबंधों की पड़ताल अभी जारी है। जल्द ही यूपी एटीएस धर्मांतरण का शिकार बने लोगों की मदद के लिए एक नंबर भी जारी करने जा रही है ताकि लोग अपनी शिकायत दर्ज करा सकें और उमर गौतम और मौलाना जहांगीर पर कानून का शिकंजा कसा जा सके।

धर्मांतरण की आड़ में आतंक की खेती करते थे दोनों मौलाना, ISI और कई अरब देशों से आता था फंड

एडीजी कानून–व्यवस्था प्रशांत कुमार के अनुसार, धर्मांतरण (Forceful Conversion) से जुड़े सभी संगठनों की विस्तृत जांच की जा रही है। एटीएस (UP ATS) के अलावा खुफिया एजेंसियां और जिलों की पुलिस भी गहनता से छानबीन करने में जुटी हैं।

सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इस मामले की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस रैकेट के जरिए टेरर फंडिंग की जांच भी गहनता से की जाए।

एडीजी के अनुसार, धर्मांतरण (Forceful Conversion) के नाम पर आतंक की नर्सरी तैयार करने की जांच लगातार जारी है। फिलहाल एटीएस (UP ATS) इसके पुख्ता सुबूत एकत्र कर रही है। वहीं जिन लोगों का धर्मांतरण कराया गया था‚ उनके परिवार वालों से पुलिस लगातार संपर्क में है। उमर और जहांगीर से कस्टडी रिमांड पर लगातार पूछताछ की जा रही है और जल्द ही इस मामले में कुछ अहम खुलासे करने के साथ कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा।

वहीं दूसरी ओर उमर गौतम (Umar Gautam) के गृह जिले फतेहपुर के स्कूल नुरुल हुदा की एक टीचर कल्पना सिंह ने खुलासा किया है कि पिछले साल उमर गौतम करीब 25 मौलानाओं के साथ स्कूल आया था। उस दौरान महिला टीचर पर मौलानाओं ने धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया था। स्कूल में हिन्दू बच्चों को उर्दू व अरबी पढ़ाई जाती थी जिसका उसने जब विरोध किया तो उसे स्कूल से निकाल दिया गया। महिला टीचर ने इसका सदर कोतवाली में स्कूल प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था।

इसके अलावा सहारनपुर निवासी प्रवीण कुमार ने खुलासा किया है कि इस रैकेट ने फर्जी तरीके से उनका धर्मांतरण (Forceful Conversion) करा दिया जबकि उनको इसकी भनक तक नहीं लगी। उन्होंने एटीएस (UP ATS) की टीम को बताया कि उनको इसकी जानकारी धर्मांतरण के एक वायरल फॉर्म से मिली जिसमें उनका नाम और फोटो लगी थी। उन्होंने आशंका जताई है कि ये फर्जी धर्मांतरण की कवायद विदेशी फंडिंग जुटाने के लिए की गयी है। फिलहाल इस घटनाक्रम के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि उमर गौतम (Umar Gautam) ने अपने आकाओं को प्रभावित करने के लिए बड़े पैमाने पर फर्जी धर्मांतरण भी कराने की साजिश रची और इसमें वह काफी हद तक कामयाब भी हुआ। जांच में यह भी सामने आया है कि उमर गौतम ने हर धर्म के लोगों को शिकार बनाकर धर्मांतरण कराया था।