UP ATS

मौलाना कलीम सिद्दीकी (Maulana Kaleem Siddiqui) अवैध धर्मांतरण के कार्य में लिप्त है और कई शैक्षणिक‚ सामाजिक‚ धार्मिक संस्थाओं की आड़ में धर्मांतरण का कार्य देशव्यापी स्तर पर किया जा रहा है

रक्षा प्रतिष्ठानों के नक्शे क्यों बनाए गए थे? कानपुर में ये कहां बनाये गए थे? इनके बनाने के पीछे कौन कौन शामिल था? संस्थानों के अंदर कौन–कौन शातिर इनके मददगार हैं?

इस मामले का खुलासा यूपी एटीएस (UP ATS) ने पिछले महीने की 11 तारीख को लखनऊ से दो संदिग्ध आतंकियों (Militants) मिनहाज और मशीरुदीन को गिरफ्तार करने के बाद किया था।

यूपी एटीएस (UP ATS) और पुलिस की टीम ने अलकायदा के गिरफ्तार आतंकी मिनहाज और मसीरुद्दीन के चार मददगारों को 14 जुलाई को गिरफ्तार किया।

पुलिस गिरफ्त में आये इन आतंकियों (Militants) ने पूछताछ में ये खुलासा किया है कि 15 अगस्त को धमाके करने वाले थे। हालांकि एटीएस ने ये खुलासा नहीं किया कि ये धमाके कहां करने वाले थे।

आरोपियों के घर पर अफगानिस्तान व पाकिस्तान सहित ईरान के लोगों का आना-जाना था। इसमें कई संदिग्ध गतिविधियों में शामिल हैं। यही विदेशी संदिग्ध लोगों के जरिए ही आतंक का कारोबार उत्तर प्रदेश में फैलाना चाहते थे।

प्रवीण कुमार ने खुलासा किया है कि इस रैकेट ने फर्जी तरीके से उनका धर्मांतरण (Forceful Conversion) करा दिया जबकि उनको इसकी भनक तक नहीं लगी।

धर्मांतरण (Illegal conversion) कराने वाले छात्रों को आईएसआई से मिले फंड दिए जाते थे। हिंदू छात्रों का धर्म परिवर्तन कराने के बाद उन्हें केरल के इडुक्की जिले में थांगलपारा में आतंक की ट्रेनिंग दिलाई जाती थी।

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