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जंगल में 3 साल तक साथी नक्सली करते रहे रेप, सरेंडर के बाद महिला नक्सली ने दर्ज करवाया केस

साथ नक्सलियों द्वारा आए दिन रेप किए जाने से परेशान महिला नक्सली ने किया सरेंडर।

क्रांति के नाम पर युवाओं और युवतियों को बहला फुसलाकर अपने गिरोह में शामिल करने वाले नक्सली (Naxalite) जंगल के भीतर उनके साथ कैसा बर्ताव करते हैं, इसकी नई मिसाल है सीमा (बदला हुआ नाम)।  2016 में नक्सल संगठन से जुड़ने वाली सीमा ने अभी हाल ही में पुलिस के सामने सरेंडर किया है। सरेंडर करने के तुरंत बाद उसने मर्दापाल थाने पहुंचकर अपने साथी नक्सलियों के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराया। उसमें से एक नक्सली (Naxalite) राकेश कुमेटी के खिलाफ तो बाकायदा नामजद केस दर्ज करवाया है।

सीमा ने बताया कि नक्सल संगठन में रहने के दौरान 3 साल तक लगातार उसके साथ रेप होता रहा। जब कभी भी उसने अपने खिलाफ हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई, उसे धमकी देकर चुप करा दिया गया। उलटा उसके शोषण का सिलसिला तेज हो गया। यूं तो उसका काम जंगल में दहशत फैलाना था, पर हकीकत ये थी कि वो खुद दहशत के साए में जीती रही।

एक लाख रुपए की इनामी नक्सली सीमा ने 19 मार्च को कोंडागांव के पुलिस अधीक्षक सुजीत कुमार के सामने सरेंडर किया था। सीमा ने बताया कि साल 2016 में उसे जबरन नक्सल संगठन में शामिल किया गया था। साल 2017 में उसे पूर्व बस्तर डिवीजन कम्पनी नम्बर 6 में सदस्य के तौर पर शामिल कर लिया गया। फिर आमादाई एलओएस, बारसून एलओएस में रहकर काम किया। यहां उसका काम सेंट्रल ड्यूटी का हुआ करता था।

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बात जुलाई जुलाई 2017 की है, एक रोज उनका दस्ता तुमड़ीवाल के पहाड़ी जंगल में रूका हुआ था। जब सीमा सेंट्रल ड्यूटी पर जाने के लिए निकली तो उसका साथी नक्सली राकेश कुमेटी भी बहाने से उसके साथ हो लिया और जंगल में मौका पाकर उसने सीमा का रेप कर दिया। फिर तो मानो सिलसिला सा चल पड़ा। मानसिक और यौन शोषण उसकी दिनचर्या का हिस्सा बन गई। राकेश के देखा-देखी बाकी नक्सली भी आए दिन उसे अपना शिकार बनाते रहते।

पुलिस के मुताबिक, यह अपने आप में पहला मामला है, जब किसी नक्सली (Naxalite) ने समर्पण के बाद अपने साथियों के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराया है। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और नामजद आरोपी राकेश समेत सभी दूसरे नक्सलियों की तलाश में जुट गई है। अब सवाल ये नहीं है कि आरोपी नक्सली पकड़ा जाएगा या नहीं, या फिर कब पकड़ा जाएगा। आज नहीं कल आरोपी तो पकड़ा ही जाएगा। उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हो जाएगी। लेकिन असल सवाल ये है कि जोश में होश खोकर नक्सली बनने वाले युवाओं को इनकी हकीकत कब पता चलेगी?

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