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झड़प के बाद चीन ने उड़ाए J-20 फाइटर जेट, चीथड़े उड़ाने की क्षमता रखता है भारत का राफेल

चीन की हर चाल को भारतीय सेना (Indian Army) नाकाम कर रही है। पहले लद्दाख की पैंगोंग लेक में चीनी सैनिकों ने घुसपैठ करने की कोशिश की, जिसे भारतीय जवानों ने विफल कर दिया। इसके बाद चीनी सेना ने भारत को डराने के लिए सीमा के पास अपने जे-20 फाइटर जेट उड़ाए। जिसे टक्कर देने के लिए भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) का राफेल (Rafale), सुखोई-30एमकेआई और तेजस विमान तैयार हैं।

इंजन: राफेल के आगे चीन के J-20 का इंजन भी निम्न स्तर का है। राफेल में दो Snecma M88 इंजन है। जो 50 किलोन्यूटन थ्रस्ट पैदा करते हैं। जे-20 में शेनयांग WS-10बी इंजन लगा है। जो 145 किलोन्यूटन थ्रस्ट पैदा करते हैं। लेकिन राफेल के इंजन का थ्रस्ट उसे मैन्यूवरिंग करने में आसानी होती है। क्योंकि इंजन के पावर को नियंत्रण करना सहज होता है। राफेल (Rafale) में हायर वेपन लोड, बैटर हार्डंड और लीथल मिसाइल पावर है।

जानें किस तरह राफेल चीन के J-20 से बेहतर है-

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कॉम्बैट: राफेल (Rafale) सुपीरियर कॉम्बैट में चेंगदू J-20 से बेहतरीन है। क्योंकि राफेल का आकर उसे आसमान में क्लोज कॉम्बैट में मदद करता है। जबकि, चेंगदू J-20 का शेप और साइज इसे क्लोज कॉम्बैट में थोड़ा मुश्किल पैदा करता है। राफेल 4.5 जेनरेशन का ट्विन इंजन, कनाडा डेल्टा विंग, मल्टी रोल फाइटर है। जबकि, J-20 सिंगल सीट, ट्विन जेट, हर मौसम में उड़ने वाला, स्टेल्थ, पांचवीं जेनरेशन का फाइटर जेट हैं।

लगा सकते हैं ये मिसाइल: राफेल (Rafale) में स्कैल्प ईजी स्टॉर्म शैडो (Scalp EG Storm Shadow), एएएसएम (AASM), एटी 730 ट्रिपल इजेक्टर रैक (AT 370 Tripple Ejector Rack), डैमोक्लेस पॉड (Damocles Pod), हैमर मिसाइल लगा सकते हैं। जबकि, J-20 एएएम (AAM), शॉर्ट रेंज एएएम, इंटर्नल ऑटोकैनन और रोटरी कैनन मशीन गन लगी है। राफेल की सर्विस सीलिंग 15,235 मीटर है जबकि, J-20 की 20 हजार मीटर है।

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गति, आकार और वजन: राफेल (Rafale) की अधिकतम गति 2130 किलोमीटर प्रति घंटा है, जबकि चेंगदू J-20 जेट 2223 किलोमीटर प्रतिघंटा है। राफेल आकार में J-20 से आकार में छोटा है। J-20 की लंबाई 20.4 मीटर है। जबकि, राफेल की 15.27 मीटर है। J-20 की चौड़ाई 13.5 मीटर और राफेल की 10.80 मीटर है। J-20 की ऊंचाई 4.45 मीटर है जबकि, राफेल 5.34 मीटर है। J-20 का वजन 19.4 टन है। राफेल की 10.3 टन है। वहीं, हथियारों के साथ चेंगदू J-20 का वजन 36 टन और राफेल का वजन 24.5 टन है।

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राडार सिस्टम: राफेल का राडार और एवियोनिक्स सिस्टम अत्याधुनिक है। चीन के राडार सिस्टम की कोई जानकारी चीन ने आजतक जारी नहीं की है। राफेल (Rafale) में एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (AESA) लगा है। इसके अलावा राफेल पर इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट स्पेक्ट्रा लगा है। जो किसी भी तरह के दुश्मन को खोज सकता है, हथियार चला सकता है, संचार जैम कर सकता है।