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खौफ के साए में जी रहा पुलवामा शहीद का परिवार, दबंगों से मिल रही धमकियां

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए फिदायीन हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इन शहीदों में उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के रहने वाले हेड कॉन्स्टेबल राम वकील माथुर भी थे। शहीद राम वकील का परिवार अभी उनकी शहादत के गम से उबर भी नहीं पाया था कि कुछ दबंगों ने उनके परिजनों पर कहर बरसाना शुरू कर दिया। वो भी उस चिता की जमीन के लिए जिस पर शहीद रामवकील माथुर का अंतिम-संस्कार हुआ था। डरे-सहमे परिवार वाले अब अधिकारियों से मदद की गुहार लगा रहे हैं।

दरअसल, मामला मैनपुरी जिले के बरनाहल थाना के गांव विनायकपुर का है। जहां पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए राम वकील माथुर का शहीद-स्थल बनाने और शहीद के परिवार की सहायता के लिए सरकार ने जमीन मुहैया कराई थी। कुछ दबंग उसी जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। वे शहीद के परिवार को इसके लिए धमकियां भी दे रहे हैं। शहीद की पत्नी व परिवार वालों ने मैनपुरी के जिलाधिकारी प्रमोद कुमार उपाध्याय को एक शिकायत पत्र दिया है।

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पत्र में परिवार वालों ने बताया है कि गांव के ही कुछ दबंग उनकी एक एकड़ जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं और उन्हें धमकियां दे रहे हैं। शहीद के परिवार का कहना है कि इस संबंध में वे मुख्यमंत्री और बटालियन के अधिकारियों को भी बता चुके हैं। पर अभी तक कोई मदद नहीं मिली है। शहीद राम वकील का परिवार सरकारी दफ्तरों और अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है।

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मैनपुरी जिले के दन्नाहार थाने के विनायपुरा गांव के रहने वाले राम वकील 2001 में सिपाही के पद पर सीआरपीएफ (CRPF) में भर्ती हुए थे। उनकी शादी 2003 में इटावा के अशोक नगर निवासी गीता के साथ हुई थी। जम्मू में तैनाती से पहले शहीद राम वकील अलीगढ़ में तैनात थे। गौरतलब है कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला किया था। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।

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