भारत में आतंक की जड़े फैलाने वाला पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय बहिष्कार के कारण अब त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रहा है। अपनी पहचान बचाये रखने की कोशिश में लगा पाकिस्तान अपने मुल्क में बैठे आतंकियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान की आतंक रोधी अदालत ने आतंकवाद के फंडिंग के आरोपों पर प्रतिबंधित जैश ए मोहम्मद (जैश-ए-मोहम्मद) के प्रमुख आतंकी मसूद अजहर (Masood Azhar) के खिलाफ गुरुवार को गिरफ्तारी वारंट जारी किया। गुजरांवाला आतंकरोधी अदालत ने जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammad) के कुछ सदस्यों के खिलाफ पंजाब पुलिस के आतंक रोधी विभाग द्वारा शुरू आतंक के फंडिंग मामले की सुनवाई के दौरान वारंट जारी किया।
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एक अधिकारी ने बताया कि एटीसी गुजरांवाला के जज नताशा नसीम सुप्रा ने मसूद अजहर (Masood Azhar) के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है और सीटीडी को उसे गिरफ्तार कर अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है। सीटीडी ने जज को बताया कि जैश-ए-मोहम्मद (JeM) प्रमुख आतंक के फंडिंग में संलिप्त था और वह जेहादी साहित्य बेचता है। उन्होंने बताया कि सीटीडी के एक निरीक्षक के अनुरोध पर एटीसी के जज ने अजहर के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया। ऐसा माना जाता है कि अजहर अपने पैतृक शहर बहावलपुर में कहीं सुरक्षित स्थान पर छिपा हुआ है।
भारत में फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पुलिस ने आतंकवाद के फंडिंग के खिलाफ अभियान शुरू किया था और इस मामले में गुजरांवाला में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के छह आतंकियों को गिरफ्तार किया था। गुजरांवाला, लाहौर से करीब 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सीटीडी ने कहा कि उसकी टीमों ने जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के सुरक्षित ठिकानों पर छापेमारी की और संगठन के कुछ सदस्यों को गिरफ्तार किया और उनके पास से लाखों रुपये कैश बरामद की।
पुलवामा हमले के बाद अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ने पर पाकिस्तान सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख (Masood Azhar) के बेटे और भाई समेत प्रतिबंधित आतंकी संगठन के 100 से ज्यादा आतंकियों को गिरफ्तार किया था। सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद (JeM), मुंबई आतंकी हमले के सरगना हाफिज सईद के जमात उद दावा (JUD) और फलाहई इंसानियत फाउंडेशन (FIF) की संपत्तियों को अपने कब्जे में ले लिया था।
पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने ली थी। पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने बहावलपुर में मदरसा और जामा मस्जिद सुभानल्लाह समेत जैश-ए-मोहम्मद के हेडक्वार्टर पर कब्जे का दावा किया है। सरकार के मुताबिक वहां 600 छात्र पढ़ाई करते हैं और उनमें से कोई भी आतंकी संगठन से नहीं जुड़ा है। मई 2019 में संयुक्त राष्ट्र (UN) ने अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किया था। इसके बाद से पाकिस्तान सरकार पर उसके खिलाफ कार्रवाई करने का लगातार दबाव बन रहा है।