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चीन के इशारे पर पीओके में सड़कों का जाल बिछा रहा है पाकिस्तान, युद्ध को लेकर भारत के खिलाफ अभी से बना रहा ये रणनीति

वैश्विक पटल पर पाकिस्तान (Pakistan) भले ही एक बार फिर से भारत के साथ दोस्ती का दिखावा कर रहा है, लेकिन आतंरिक स्तर पर वह लगातार भारत के खिलाफ पृष्ठभूमि तैयार कर रहा है। इस नापाक काम में पाक का साथ उसका सबसे बड़ा सहयोगी चीन दे रहा है। इसी के तहत पूरे पीओके में पाक नई सड़कों का निर्माण और पुरानी सड़कों की मरम्मत का काम युद्ध स्तर पर कर रहा है। चीन इसके लिए पाकिस्तान को आर्थिक मदद के साथ ही तकनीकी सहायता भी दे रहा है।

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खुफिया सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान (Pakistan) लेह में बढ़ते भारतीय सैन्य ताकत को देखते हुए चीन के इशारे पर लेह के दूसरी ओर गिलगित–बाल्टिस्तान में स्कर्दू तक पहुंचने के लिए चीन की तकनीक की मदद से पुरानी सड़कों की जल्द से जल्द मरम्मत करने में जुटा है। इस सड़क के पूरा होते ही पाकिस्तानी सेना को कारगिल‚ सियाचिन‚ बटालिक और चोर बाटला की तरफ पहुंचने में सुगमता होगी।

जगलोट से स्कर्दू की दूरी करीब 200 किलोमीटर है और इस पूरी सड़क को सीमेंटेड किया जा रहा है‚ जिससे कि पाक सेना के आवागमन में सुविधा हो और आपात स्थिति में पाकिस्तानी लड़ाकू विमान इन सड़को को रनवे की तरह इस्तेमाल कर सके। इसके काम के लिए चीन की मदद से आसपास के पहाड़ों को तोड़कर सड़कों को 7-8 मीटर तक चौड़ा किया जा रहा है।

पाकिस्तान (Pakistan) के लिए सामरिक तौर पर महत्वपूर्ण इस सड़क को बनाने का काम पाकिस्तान फ्रंटियर वर्क ऑर्गेनाइजेशन को दिया गया है‚ लेकिन उसने इस कार्य का ठेका एक चीनी कंपनी काराकोरम को दे दिया है। गौरतलब है कि काराकोरम हाइवे पर जगलोट से एक पतला रास्ता स्कर्दू की तरफ जाता है‚ इसी सड़क का चौड़ीकरण किया जा रहा है। इस रास्ते में चीन की दिलचस्पी ज्यादा है, इसीलिए वह स्कर्दू एयरबेस के नवीनीकरण में पाक की तरह की मदद कर रहा है। यही नहीं‚ नया रनवे भी तैयार किया गया है और हर मौसम में दिन–रात एयरबेस का इस्तेमाल हो सके‚ इसके लिए नई तकनीक का भी इस्तेमाल किया गया है।

भारत के साथ एलएसी पर तनाव के बीच पाक के स्कर्दू बेस पर चीन के कई लडाकू और मालवाहक विमान दिखाई दिए थे। सूत्रों का मानना है कि पाकिस्तान (Pakistan) इस सड़क का निर्माण सितंबर 2021 तक पूरा कर लेगा। बहरहाल‚ भले ही पाकिस्तान यह कहकर प्रचारित कर रहा है कि सड़क की मरम्मत हो जाने से इलाके में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा‚ लेकिन इसकी सच्चाई यह है कि वो अपनी सामरिक क्षमता को बढ़ाने के लिए ऐसा कर रहा है। इस बात पर मुहर इससे लगाया जा सकता है कि चीन इस प्रोजेक्ट में पाकिस्तान का पूरा साथ दे रहा है।