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यूपी: NIA को ISIS महिला एजेंटों की तलाश, आतंकी कमांडर उमर को दबोचने के लिए कानपुर में हो रही लगातार छापेमारी

File Photo

यूपी में पिछले महीने हुई अल-कायदा के आतंकियों (Militants) की गिरफ्तारी के बाद पूरे मामले की जड़ तक जाने के लिए एनआईए (NIA) की टीम ने रात-दिन एक कर दिया है। अलकायदा इन द इंडियन सब कांटीनेंट (AQIS) के मॉड्यूल गजावत–उल–हिंद को निष्क्रिय करने में जुटी जांच एजेंसियों ने एक बार फिर से कानपुर का रूख किया है।

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दरअसल‚ राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) और एटीएस (UP ATS) उमर हलमंड़ी का कनेक्शन तलाश रही है‚ साथ ही दो आईएसआईएस (ISIS) महिला एजेंटों की तलाश में भी जुटी है। इस टीम ने मंगलवार दोपहर दो बजे तक उन्नाव में आतंकियों (Militants) के कनेक्शन खंगाला और उसके बाद कानपुर का रूख किया।

कानपुर में पहले जाजमऊ (चकेरी) टीले वाली मस्जिद के पास कुछ लोगों से बात की। इसके बाद टीम दो भागों में बंट गई। एक टीम बेकनगंज‚ चमनगंज तो दूसरी टीम आवास विकास और मछरिया (नौबस्ता) की तरफ पहुंची। टीमें आईएसआईएस (ISIS) की दो महिलाओं और उमर हलमंडी की तलाश में जुटी हैं।

एसटीएफ (UP STF) ने लखनऊ से दो जुलाई को आतंकी (Militants) मिनहाज और मसीरूद्दीन को गिरफ्तार किया था। इनके पास से कुकर बम और जिलेटिन की छड़ें मिली थीं। यानी बड़े धमाके की योजना थी। मानव बम की बात सामने आयी थी। 14 दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ के दौरान जांच एजेंसियों ने शकील समेत तीन मददगारों को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लखनऊ जेल में सभी को हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है। गृह मंत्रालय के आदेश पर इस पूरे मामले की जांच एनआईए को स्थानांतरित कर दी गई थी। इसके बाद से पूरे मामले की जांच एनआईए द्वारा की जा रही है।

दरअसल‚ कानपुर में जो इनपुट मिला था वो AQIS के गजावत–उल–हिंद मॉड्यूल के कमांडर उमर हलमंडी का था। साथ ही कुछ रक्षा प्रतिष्ठानों के नक्शे भी मिले थे। 15 अगस्त के बाद एक बार फिर से एनआईए (NIA)  ने हाथ–पैर मारने शुरू कर दिए हैं। सूत्रों की माने तो ऐसा लगता है कि एनआईए गुपचुप तरीके से किसी बड़े आपरेशन की तैयारी में जुटी है।

सर्विलांस और सीडीआर के जरिये मिली जानकारी के आधार पर एनआईए अब आतंकियों के पूरे नेटवर्क को निष्क्रिय करने में जुट गई है। इस मॉड्यूल के कमांडर उमर हलमंडी का मूवमेंट कानपुर में मिलने के बाद से ही एनआईए की टीम ने शहर में डेरा जमा लिया है। 

रक्षा प्रतिष्ठानों के नक्शे क्यों बनाए गए थे? कानपुर में ये कहां बनाये गए थे? इनके बनाने के पीछे कौन कौन शामिल था? संस्थानों के अंदर कौन–कौन शातिर इनके मददगार हैं? वे कौन लोग थे जो इन आतंकियों (Militants) को गन पाउड़र और केमिकल मुहैया कराते थे? ऐसी ही एक दर्जन से ज्यादा गुत्थियां है जिसे सुलझाने के लिए एनआईए (NIA) जुटी हुई है।