संगठन के लिए काम करने वाले नक्सली (Naxalites) वर्दी में नहीं रहते हैं। ये लोग चरवाहों के रूप में जंगल में रहते हैं और जंगल में चल रही पुलिस की कार्रवाई की जानकारी नक्सलियों तक पहुंचाते हैं।
झारखंड (Jharkhand) के चाईबासा पुलिस (Police) ने 10 नक्सलियों (Naxalites) को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। ये सभी नक्सली (Naxals) पिछले 4 मार्च को आईईडी ब्लास्ट (IED) की घटना को अंजाम देने में शामिल थे। गिरफ्तार नक्सलियों ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार किया है।
जानकारी के अनुसार, सभी गिरफ्तार नक्सली चाईबासा के टोंकलो थाना अंतर्गत लांजी गांव के निवासी हैं। इन नक्सलियों के पास से पुलिस ने मोबाइल फोन, नकदी रुपए , स्लीपिंग बैग सहित नक्सलवादी दस्तावेज बरामद किया है। गिरफ्तार नक्सलियों (Naxalites) में टोकलो थाना क्षेत्र के लांजी गांव का रहने वाला अशोक कुमार महतो, सोरोटो मोहाली, महादेव सिंह मुंडा, मंगल मुंडा, सोमनाथ भूमिज, रोशन बोदरा, सीताराम समद, बिल्कन समद, नेल्सन कंडेल और रामराय हासदा शामिल हैं।
बता दें कि बीते 4 मार्च को सर्च अभियान पर निकली पुलिस को निशाना बनाने के लिए नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट किया था, जिसमें तीन पुलिसकर्मियों की शहादत हुई थी। झारखंड के कोल्हान रेंज के डीआईजी राजीव रंजन के अनुसार, चाईबासा एसपी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया था, जिसने इस मामले में लांजी गांव के रामराय हासदा को गिरफ्तार किया था।
पूछताछ के दौरान रामराय हासदा ने पुलिस के सानमे इस घटना की सारी जानकारी उगल दी थी। गिरफ्तार नक्सली ने पुलिस को बताया कि उसने अपने नक्सली आकाओं महाराजा प्रमाणिक और भाकपा माओवादी के कुख्यात नक्सली अनल दा के कहने पर साथियों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था।
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नक्सली ने बताया कि उन्होंने आईईडी (IED) को बैटरी से कनेक्ट कर रखा था। पुलिसबल को आता देख कुछ नक्सली सहयोगी पेड़ पर चढ़ गए थे और पुलिस को करीब देख अपने साथी नक्सलियों को इशारा किया था। जैसे ही पुलिसबल के जवान पगडंडी से आए नक्सलियों ने आईईडी को ब्लास्ट कर दिया।
पूछताछ करने पररामराय हांसदा ने यह भी बताया कि भाकपा माओवादी के अनल दा उर्फ पतिराम मांझी तथा महाराजा प्रमाणिक के कहने पर उसने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पाइप वाले आईईडी बम को लांगी जाने वाले रास्ते में लगाया था। घटना को अंजाम देकर सभी नक्सली जंगल की ओर भाग गए थे।
डीआईजी कोल्हान के अनुसार, नक्सलियों (Naxalites) ने अपनी एक टीम बना रखी है, जिसका काम आईईडी प्लांट करना, पुलिस की रेकी करना, नक्सलियों को पुलिस की जानकारी देना और नक्सलियों तक जरूरत के सामान पहुंचाना है।
बताया जाता है कि संगठन के लिए काम करने वाले नक्सली वर्दी में नहीं रहते हैं। ये लोग चरवाहों के रूप में जंगल में रहते हैं और जंगल में चल रही पुलिस की कार्रवाई की जानकारी नक्सलियों तक पहुंचाते हैं।
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कोल्हान डीआईजी के अनुसार, सभी गिरफ्तार नक्सलियों के ऊपर झारखंड के कई थानों में नक्सली घटनाओं को अंजाम देने के मामले दर्ज हैं। इन गिरफ्तार नक्सलियों ने लेवी वसूलने, पुलिसकर्मियों की हत्या करने और पुलिसबलों से हथियार छीनने जैसी कई संगीन वारदातों को अंजाम दिया है।