जम्मू कश्मीर में आतंकियों (Terrorists) के पास अमेरिकी निर्मित अत्याधुनिक उपकरण मिलने से भारतीय सुरक्षाबलों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इन उपकरणों को इस्तेमाल अफगानिस्तान में अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन बलों ने किया था। जिनमें इरिडियम सैटेलाइट फोन वाई-फाई इनऐब्ल्ड ‘थर्मल इमेजरी’ उपकरण शामिल हैं।
जम्मू कश्मीर: अनंतनाग में सुरक्षाबलों और आतंकियों (Terrorists) के बीच मुठभेड़, सेना का एक जवान शहीद
सैन्य अधिकारियों के अनुसार, हमारी तकनीकी टीम ने घाटी में पिछले दो महीने में आतंकियों के पास इरिडियम सैटेलाइट फोन होने के संकेत दिये हैं। पहले तो इन उपकरणों की मौजूदगी उत्तरी कश्मीर इलाके में पता चली थी लेकिन अब आतंकी इसका इस्तेमाल दक्षिण कश्मीर के इलाकों में भी कर रहे हैं। इस वर्ष फरवरी से लेकर अभी तक कुल 15 संकेत मिले हैं।
सैन्य अधिकारियों ने बताया कि ये सैटेलाइट फोन अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी के दौरान छोड़े गये हथियार व उपकरणों का हिस्सा हो सकते हैं। जो काबुल पर कब्जे के बाद तालिबानियों के हाथ लग गया होगा और उनके पास से आईएसआई के जरिये पाकिस्तानी आतंकियों (Terrorists) के पास पहुंचना संभव है।
वहीं घाटी में हुये दो-तीन मुठभेड़ के दौरान आतंकियों (Terrorists) के पास वाई-फाई से जोड़े जा सकने वाले थर्मल इमेजिंग उपकरणों के इस्तेमाल के संकेत मिले हैं। हालांकि पाकिस्तानी सेना के पास इतने उन्नत हथियार नहीं है और ना ही चीन ने अभी इसको पाक सेना को सप्लाई किया है। ऐसे में इस बात के पूरी उम्मीद है कि ये उपकरण अफगानिस्तान से पाकिस्तानी आतंकियों के हाथ लगा हो। क्योंकि इन थर्मल इमेजिंग उपकरणों की मदद से रात के अंधेरे में भी ये आतंकी मुठभेड़ स्थल से आसानी से फरार हो सकते हैं।
हालांकि अधिकारियों ने ये आश्वस्त किया कि अभी चिंता करने की कोई बात नहीं है, क्योंकि हमारी टीम इन सैटेलाइट फोनों की हर गतिविधियों पर पैनी नजर रखी है और जल्द ही इनका इस्तेमाल करने वाले आतंकी भारतीय सुरक्षाबलों के शिकार बनेंगे। अधिकारियों ने आगे बताया कि इन अमेरिकी उपकरणों की मौजूदगी की सूचना राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन और रक्षा खुफिया एजेंसियों जैसे जांच एजेंसियों से साझा कर दी गई है।