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3 दशकों से आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दे रही जम्मू कश्मीर पुलिस, इतने अधिकारी दे चुके हैं कुर्बानी

सांकेतिक तस्वीर।

जानकारी के मुताबिक, जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) में आतंकवाद 1989 में पनपा था। तब से ये लड़ाई जारी है। शुरुआत में दूसरी फोर्स लड़ती थीं, लेकिन 1994 में पुलिस को फ्रंटफुट पर आकर लड़ने के लिए कहा गया था।

जम्मू कश्मीर: आतंकवाद देश की एक बड़ी समस्या है और इसने देश के कई कोनों में अपना विस्तार कर लिया है। लेकिन जम्मू कश्मीर में ये समस्या ज्यादा बड़ी है।

जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) पुलिस 3 दशकों से आतंकवाद से लड़ रही है। जम्मू कश्मीर पुलिस देश की एक मात्र ऐसी पुलिस है, जिसने आतंकवाद से लड़ने के लिए विशेष दस्ता सबसे पहले तैयार किया था।

जानकारी के मुताबिक, जम्मू कश्मीर में आतंकवाद 1989 में पनपा था। तब से ये लड़ाई जारी है। शुरुआत में दूसरी फोर्स लड़ती थीं, लेकिन 1994 में पुलिस को फ्रंटफुट पर आकर लड़ने के लिए कहा गया था।

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आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में पुलिस के 1059 अफसर और जवान शहीद हो चुके हैं। इसके अलावा 508 एसपीओ अपनी जान दे चुके हैं। कुल 1059 कर्मियों में 152 पुलिस अफसरों की जान गई है।

आतंकवाद के खिलाफ साहस दिखाने के लिए पुलिस को 81 गैलेंटरी अवार्ड मिले हैं। बीते 3 सालों में हर बड़े ऑपरेशन में जम्मू कश्मीर पुलिस ने हिस्सा लिया है।

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