भारत के जम्मू कश्मीर राज्य से आर्टिकल 370 के हटने के बाद घाटी से आतंकियों (Terrorists) के सफाये का काम लगातार जारी है। भारतीय सेना की इस कार्रवाई से पाकिस्तान की आईएसआई तिलमिला गई है और वह भारत में अशांति फैलाने के लिए हर मुमकिन कोशिश में लगी है। यही कारण है कि सीमापार पाक के मुजफ्फराबाद में स्थित आईएसआई के कंट्रोल रूम 88 से जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों की घुसपैठ की जा रही है।
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बताते चलें कि भारत में घुसपैठ की जिम्मा आईएसआई ने जैश के सरगना मसूद अजहर के भाई व संगठन के एक्टिंग चीफ रऊफ असगर को सौंप रखा है। इस काम में इन आतंकियों की मदद के लिए पाकिस्तानी सेना सरहद पर भी पूरी मदद कर रही है। रऊफ असगर ने अपने भरोसेमंद आतंकी कमांडर माविया खान को आतंकियों (Terrorists) के लांचिंग का जिम्मा सौंपा है।
भारतीय खूफिया विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, पाक की खूफिया एजेंसी और सेना की निगरानी में ही आतंकी कमांडर माविया खान ने तालिबान के साथ ट्रेनिंग लेकर अफगानिस्तान से पाक अधिकृत कश्मीर लौटा है। माविया खान ने अभी तक पीओके स्थित निकैल आतंकी ट्रेनिंग कैंप में करीब 40-50 आत्मघाती हमलावरों को ट्रेंड कर चुका है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पाक की स्पेशल सर्विस ग्रुप के कमांडो इसमें आतंकियों (Terrorists) की सहायता कर रहे हैं। पाक सेना 40-50 आतंकियों की घुसपैठ कराना चाहती है और इसके लिए उसने 20-30 आत्मघाती हमलावरों को चयनित भी कर लिया है। अफगान रिटर्न इन आतंकियों का जत्था सवाई नाला से करीब 98 किमी. दूर दूधनियाल लॉन्च पैड से घुसपैठ करने की तैयारी कर रहे हैं।
ये आतंकी (Terrorists) अब घुसपैठ के लिए सैन्य टुकड़ियों में इस्तेमाल होने वाले कोड-वर्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिनमें रोमियो, टैंगो, अल्फा और माइक जैसे शब्द शामिल हैं। इन सभी गतिविधियों पर जैश सरगना मसूद अजहर का भाई रऊफ अजहर कंट्रोल रूम 88 से खुद निगरानी कर रहा है।