पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत की दिशा में सरकार ने एक और कदम आगे बढ़ाया है। भारत अपने मित्र देशों को हथियार देने के लिए स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान तेजस‚ आर्टिलरी गन‚ विस्फोटक‚ टैंक और मिसाइल‚ एंटी टैंक माइंस और अन्य के निर्यात (Export) को मंजूरी दे दी।
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आत्मनिर्भरता के लिए निर्यात बढ़ाने और घरेलू रक्षा उद्योग का निर्माण करने के उद्देश्य से सरकार ने कुल 156 हथियारों और उपकरणों के निर्यात (Export) की मंजूरी दी है। जिसमें 41 आयुध और लड़ाकू सिस्टम‚ 28 नौसैनिक सिस्टम‚ 27 इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन सिस्टम‚ 19 एरोनॉटिकल सिस्टम्स‚ 16 परमाणु–जैविक–रासायनिक उपकरण‚ 10 जीवन सुरक्षा आइटम‚ 4 मिसाइल सिस्टम‚ 4 माइक्रो–इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम और 7 अन्य मैटेरियल शामिल हैं। निर्यात किये जाने वाले हथियारों की ये लिस्ट रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) ने जारी की है।
इससे पहले आकाश मिसाइल के ही निर्यात को मंजूरी मिली थी, लेकिन अब ‘बियांड विजुअल रेंज’ (BVR) हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल ‘अस्त्र’‚ एंटी–टैंक गाइडेड मिसाइल ‘नाग’ और ‘ब्रह्मोस’ वेपन सिस्टम निर्यात (Export) के लिए तैयार है।
आकाश सतह से हवा में मार करने वाली एक ऐसी मिसाइल प्रणाली है जो कम दूरी की एयर डिफेंस प्रदान करती है। वहीं, अस्त्र मिसाइल बियांड विजुअल रेंज के तहत हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जो भारतीय वायु सेना के सुखोई30 एमकेआई के साथ इंटीग्रेटेड है। इसे आने वाले समय में दूसरे लड़ाकू विमानों के साथ भी इंटीग्रेटेड किया जाएगा।
भारतीय थल सेना‚ नौसेना और वायु सेना ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल करती है। ये दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइल है। इस यूनिवर्सल मिसाइल को जंगी जहाजों‚ मोबाइल लांचर‚ पनडुब्बियों और एयरक्राफ्ट से लॉन्च किया जा सकता है। सरकार अब रक्षा उत्पादन निर्यात प्रोत्साहन नीति 2020 के तहत वर्ष 2025 तक 35 हजार करोड़ रुपए के रक्षा उपकरणों के निर्यात (Export) को हासिल करने का लक्ष्य लेकर अपने निर्यात को बढ़ा रही है।