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म्यांमार में आपातकाल के पीछे चीन की ताकत! भारत में शरणार्थी की शक्ल में आतंकी घुसपैठ का डर

भारत के पड़ोसी देश में म्यांमार (Myanmar) में जारी दहशतगर्दी के पीछे चीनी सेनाओं की वर्दी है। इसीलिए भारतीय सीमा में घुसपैठ का डर सता रहा है। खुफिया विभाग की सूचना पर केंद्र के अलावा मिजोरम और मणिपुर राज्य प्रशासन ने अपने-अपने यहां अलर्ट बढ़ा दिया है। सीमा सुरक्षाबलों को भी घुसपैठ को लेकर सतर्क रहने को कहा गया है, क्योंकि उधर पाकिस्तान और इधर चीन भारत में घुसपैठियों की शक्ल में आतंकियों को भेज सकता है।

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भारत का मिज़ोरम राज्य म्यांमार (Myanmar) के साथ लगभग 510 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है। ऐसे में इस बात की संभावना जताई जा रही है कि म्यांमार में राजनीतिक उत्पीड़न की आशंका के चलते भागे शरणार्थी भारत में घुस सकते हैं। चम्पई जिला म्यांमार के साथ लगा मुख्य जिला है।

खुफिया विभाग ने साफ निर्देश जारी करते हुए बताया है कि जिन गांवों में ऐसे शरणार्थियों के आने की आशंका है, उनकी पूरी रिपोर्ट प्रशासन को दी जाए। किसी भी घुसपैठ की सूचना प्रशासन को तुरंत देने का आदेश दिया गया है। साथ ही राज्य प्रशासन को ऐसी सूचना एकत्र करने को कहा गया है। ऐसे लोगों की एंट्री दर्ज करनी होगी, जो भारत के नागरिक नहीं है। ग्राम सभाएं जैसे ही अपने क्षेत्रों में म्यांमार (Myanmar) के नागरिकों की ऐसी किसी भी एंट्री की रिपोर्ट पेश करती है, जिला प्रशासन केंद्र सरकार की सलाह पर उन पर तुरंत कार्रवाई करे।

खुफिया रिपोर्ट के बाद मिजोरम प्रशासन ने साफ कर दिया है कि वह इस बात का पता लगाएंगे कि भारत में पकड़े गए ऐसे किसी भी नागरिक को क्या म्यांमार (Myanmar) में खतरा है। फिर उस पर केंद्र सरकार जो भी निर्देश देगी, हम उसके अनुसार फैसला लेंगे यदि केंद्र सरकार की तरफ से उन्हें शरणार्थियों के रूप में लेने की अनुमति नहीं दी जाती है, तो उन्हें यहां से निर्वासित कर दिया जाएगा।

खुफिया विभाग ने कहा है कि भारत में  प्रवेश करने की कोशिश करने वालों पर कड़ी नजर बनाए रखनी होगी, ताकि कोई भी आतंकी या उग्रवादी भारत में घुसने की कोशिश न कर सके।

दरअसल, म्यांमार (Myanmar) की सेना ने नेता सू की, राष्ट्रपति विन मिंट और नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के कई वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में ले लिया है और देश में एक साल के लिए आपातकाल लागू कर दिया है। इसके बाद बाद म्यांमार में एक बार फिर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हिंसा की आशंका के बीच पलायन की संभावना बढ़ रही है।