दिल्ली में क्राइम ब्रांच के हाथ एक 20 साल पहले मृत नक्सली (Naxali) लग गया है, जो बिहार में पिछले 26 सालों का मोस्टवांटेड है लेकिन इसकी मौत की खबर के कारण बिहार पुलिस ने अपनी जांच बंद कर दी थी।
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दरअसल, दिल्ली की क्राइम ब्रांच पुलिस ने जिस नक्सली को गिरफ्तार किया है उसकी पहचान नक्सली संगठन को आईपीएफ माले के शीर्ष नेता 60 वर्षीय किशुन पंडित के तौर पर हुई है। जो 1996 में एक बिहार पुलिस अधिकारी की हत्या में शामिल होने के बाद से अपनी मौत की झूठी खबर फैलाकर फरार हो गया और देश की राजधानी को अपना ठिकाना बना रखा था।
पुलिस के मुताबिक किशुन पंडित साल 1990 से ही नक्सली (Naxali) बन गया था। पुलिस के मुताबिक किशुन पंडित अपने समय में नक्सलियों की कमांड में दूसरे नंबर पर था। उस वक्त नक्सली संगठन को आईपीएफ माले कहा जाता था। 90 के दशक के अंत में ही किशुन पंडित काफी शातिराना तरीके से बिहार से गायब हो गया था।
बताते चलें कि नक्सली किशुन पंडित ने ही 23 नबंवर 1996 को अपने सैकड़ों साथियों के साथ पटना से सटे पुनपुन इलाके में पुलिस टीम पर घातक हमला किया था। जिसमें एक पुलिस अधिकारी शहीद हो गया था जबकि कई पुलिसकर्मी घायल हो गये थे। उस नक्सली हमले के दौरान किशुन पंडित की दस्ते ने पुलिस के हथियार भी लूट लिये थे। हालांकि इस हमले के बाद फौरन पुलिस ने कार्रवाई करते हुये 31 नक्सलियों को धर दबोचा था। लेकिन इनका सरगना किशुन (Naxali) अपनी मौत की षणयंत्र रचकर दिल्ली में आ छिपा। जिसे सच मानकर बिहार पुलिस ने उसकी फाइल और तलाश बंद कर दी थी।
लेकिन कुछ दिन पहले ही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सूचना मिली की इस हार्डकोर नक्सली पहचान बदलकर दिल्ली के प्रह्लादपुर इलाके में रह रहा है। इस सूचना के फौरान बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने पुल प्रह्लादपुर इलाके में स्थित एक सीएनजी पंप के पास से नक्सली किशुन पंडित (Naxali) को दबोच लिया। हालांकि इस दौरान इस नक्सली ने पुलिस को गुमराह करने की भरपूर कोशिश की और अपनी पहचान सुलेंदर पंडित बताया। लेकिन जब उसकी पत्नी के कागजातों की जांच की गई तो उस पर उसके पति की पहचान किशुन पंडित के तौर पर हुई।