Bihar Police

नक्सली गुड्डू यादव (Naxalite Guddu) ने ही महुलिया इलाके में एक बाप-बेटे की किडनैपिंग और आजिमगंज पंचाय के मुखिया परमानंद की हत्या की थी। इसके अलावा जमुई व लखीसराय जिलों में कई नक्सली कांडों में भी ये संलिप्त था।

1996 में बिहार पुलिस अधिकारी की हत्या कर फरार हुआ नक्सली किशुन (Naxali) अपनी मौत का षणयंत्र रचकर दिल्ली में आ छिपा। जिसे सच मानकर बिहार पुलिस ने उसकी फाइल और तलाश दोनो बंद कर दी थी।

नक्सल नेता मिथलेश औरंगाबाद जिले के कुटुंबा थाना क्षेत्र के विष्णुपुर खैरा गांव का रहने वाला है। वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहा है और इलाज कराने के लिए जा रहा था तभी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तारी के बाद पुलिसिया छानबीन में नक्सली रामदुलारे (Naxali Ramdulare) ने कई अहम जानकारियां साक्षा की हैं। जिसके आधार पर जिले में एरिया डोमिनेशन व छापेमारी की कार्रवाई लगातार जारी है।

गिरफ्तार नक्सली कामता यादव (Naxali Kamta Yadav) के खिलाफ कांड संख्या 10/2006 और 20/2010 जिले में दर्ज है। इस अभियान को एसएसबी (सहायक) अभिषेक कुमार की निगरानी में की गई।

हथौड़ी थानाक्षेत्र के तहत आने वाले डीहजीवर गांव से इस कुख्यात नक्सली को धर दबोचा है। नक्सली मिथिलेश (Naxalite Mithilesh) के खिलाफ हथोड़ी व बोचहां थाने में करीब पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं।

नक्सलियों के इस हमले में सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट विभोर सिंह, रेडियो ऑपरेटर सुरेंद्र कुमार और हवलदार सुमन पांडे घायल हो गये।

पुलिसिया छानबीन में गिरफ्तार नक्सली ने कई अपराधों में शामिल होने की बात स्वीकार की है, साथ ही प्रतिबंधित संगठन से जुड़ी कई अहम जानकारियां भी पुलिस से साझा की हैं।

सुरक्षाबलों ने मारे गये दोनों नक्सलियों (Naxalites) के शव का बरामद कर लिया है। साथ ही घटनास्थल से एक एसएलआर रायफल, एक पिस्तौल और एसएलआर के 175 कारतूस बरामद किया है। 

गिरफ्तार नक्सली इससे पहले भी 10 अगस्त 2019 को एक आपराधिक कांड के तहत गिरफ्तार हुआ था, लेकिन जमानत पर रिहा होने के बाद वह दोबारा से संगठन में शामिल होकर कई नक्सली वारदातों में शामिल रहा।

खुफिया सूत्रों और पुलिस की टेक्टिनकल टीम की मदद से जिला पुलिस व सीआरपीएफ के संयुक्त टीम ने छापेमारी करके माओवादी डॉक्टर बेसरा को गिरफ्तार किया है।

नक्सली विजय (Naxali Vijay) के पास किसी भी तरह का हथियार नहीं मिला लेकिन पुलिस के पास इसके खिलाफ काफी सबूत हैं। साथ ही पुलिस आस-पास के थानों से भी नक्सली विजय का आपराधिक इतिहास खंगाल रही है।

औरंगाबाद पुलिस को खबर मिली कि नक्सली धर्मेंद्र गया से भाग कर औरंगाबाद के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में भागने की कोशिश कर रहा है। इस सूचना के आधार पर एसएसबी की टीम ने जाल बिछा कर औरंगाबाद से ही उसे दबोच लिया।

तीनों ने बच्ची की नृशंस तरीके से हत्या कर उसकी एक आंख निकाल ली और उसे खगड़िया ले गए। इसके बाद इन हैवानों ने उस आंख को जलाकर उसके राख से ताबिज (Amulet) बनाई और दिलीप की पत्नी को पहनाया दिया।

जांच में इन तीनों नक्सलियों ने कुछ भी बड़ा खुलासा नहीं किया, लेकिन इनके पास से जब्त भारी तादात में हथियार कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं, ऐसे में अब एनआईए को इस जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

बिहार में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है, फिर भी नक्सली अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला ये है

ब्रह्मदेव राणा पर CRPF के काफिले पर हमला करने का आरोप है। इसके बाद से ही ये नक्सली फरार चल रहा था। बता दें कि जमुई के बरहट थाना में नक्सली के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज है।

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