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भारत से मुकाबला करने के लिए चीन ने तिब्बती लोगों के लिए जारी किया फरमान, ‘प्रति परिवार एक सैनिक’

प्रतिकात्मक तस्वीर

दुनिया की सबसे ताकतवर फौज का दम्भ भरने वाला चीन जब गलवान घाटी में भारतीय सेना (Indian Army) से बुरी तरह मार खाया, तब उसका घमंड चूर-चूर हो गया। चीन अब समझ गया है कि बर्फीले क्षेत्रों और सर्दियों के मौसम में भारतीय सेना का सामना उसकी पीएलए की सेना नहीं कर सकती।

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लिहाजा अब चीन बर्फीले इलाके के लिए नई सेना तैयार करने में जुट गया है। इसके लिए उसने तिब्बती लोगों के साथ जबरदस्ती भी शुरू कर दी है। चीन ने अब तिब्बती लोगों को जबरन पीएलए में शामिल करने का आदेश जारी कर दिया है। चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने हर घर से एक व्यक्ति को चीनी मिलिशिया में शामिल होने का आदेश दिया है। इस बात का खुलासा खुफिया की रिपोर्ट में हुआ है।

सूत्रों के मुताबिक, खुफिया विभाग ने सरकार को दिए अपनी रिपोर्ट में बताया है कि चीन की सरकार ने भारत के साथ लगते तिब्बत के हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के हर घर से 18 से 40 वर्ष तक के उम्र के एक व्यक्ति को चीनी मिलिशिया में शामिल होना अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि 18 साल के उम्र के बाद चीन के हर युवा को अपना रजिस्ट्रेशन मिलेट्री सर्विसेज के लिए करना होता है‚ लेकिन सेना में शामिल होना अब जरूरी नहीं है।

ऐसे में चीन ने फिर से तिब्बती लोगों के लिए सेना में शामिल होना अनिवार्य कर दिया है। ये अनिवार्यता चीनी नागरिकों बजाय सिर्फ तिब्बती लोगों पर थोपी जा रही है। फिलहाल डोकलाम के पास चुंबी घाटी में सैन्य भर्ती अभियान जोरों से चल रहा है।

सूत्रों के अनुसार, इसी साल अगस्त से भर्ती अभियान शुरू की गई है। चीन की कुल 400 तिब्बती नौजवानों भर्ती करने की योजना पर काम हो रहा है। इस भर्ती के बाद सभी नौजवानों को एक साल के लिए ल्हासा के पास प्रशिक्षण दी जाएगी, जिसके पूरा होने के बाद इन्हें फौरन भारत–चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात किया जाएगा।

खुफिया सुत्रों ने बताया कि इससे पहले के भर्ती अभियान में 100-100 लोगों के दो बैच तैयार किए थे, जिन्हें प्रशिक्षण के बाद चीनी मिलिशिया में तैनात भी कर दिया गया है। इनका इस्तेमाल चीन ह्यूमन इंटेलीजेंस इकट्ठा करने के लिए करने वाला है। इनकी तैनाती उन बॉर्डर इलाकों में होगी जहां भारतीय सेना (Indian Army) से मुकाबला होता है।

चीन ने बाकायदा स्पेशल तिब्बत आर्मी यूनिट बनाई है और इसका नाम रखा गया है मिमांग चेटोन। सूत्रों की मानें तो जिन बैच का प्रशिक्षण पूरा हो चुकी है उन्हें चुंबी वैली के युतुंग‚ चीमा‚ रिनचेंगंग‚ पीबी थांग और फारी में तैनात किया गया है।

दरअसल ये नौजवान तिब्बत की विषम परिस्थितियों में चीनी सेना के मुकाबले भारतीय सेना (Indian Army) से बेहतर तरीके से लड़ सकते हैं। चीन की पीएलए सेना तिब्बत के पठार में ज्यादा दिन तक मुकाबला नहीं सकती। वहीं पैंगॉग के दक्षिण इलाके पर भारतीय स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के कब्जे के बाद से ही चीन ने तिब्बतियों की मिलिशिया फोर्स तैयार करने में तेजी लाई है। भारतीय स्पेशल फ्रंटियर फोर्स में तिब्बत के नौजवान पहले से ही शामिल हैं।