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छत्तीसगढ़: जगदलपुर में नक्सलियों ने दिनदहाड़े सैनिक की धारदार हथियार से हत्या की, पुलिस छानबीन में जुटी

प्रतिकात्मक तस्वीर

छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले के दरभा थाना क्षेत्र तहत पड़ने वाले पखनार बाजार में नक्सलियों (Naxalites) ने दिनदहाड़े एक गोपनीय सैनिक बुधराम की धारदार हथियार से हत्या कर दी। घटना से बाजार में भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई। फिलहाल दरभा पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

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सूत्रों के अनुसार, बुधराम पुलिस विभाग में गोपनीय सैनिक के रूप में तैनात थे और उन्हें मुख्यालय में रहने का निर्देश था, लेकिन मंगलवार को बिना सूचना दिये वह साप्ताहिक बाजार चले गये। नक्सलियों (Naxalites) को इस बात की भनक लग गई और दोपहर करीब दो बजे आधा दर्जन नक्सली ग्रामीणों की वेष में वहां पहुंचे और बुधराम पर धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी।

दिनदहाड़े हुई इस घटना के बाद बाजार में भगदड़ मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे। इसी का फायदा उठाकर नक्सली भी घटनास्थल से फरार हो गये। घटना की सूचना मिलते ही एसडीओपी केशलूर एश्वर्य चंद्राकर की अगुवाई में दरभा व कोड़ेनार से पुलिस टीम को रवाना किया गया।  घटनास्थल पर पहुंचने के बाद पुलिस ने नक्सलियों (Naxalites) की तलाश में बड़े पैमाने पर सर्च अभियान चलाया है। शुरुआती जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि शायद कटेकल्याण एरिया कमेटी के नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम दिया हो।

मृतक गोपनिय सैनिक बुधराम दरभा जिले के कापानार गांव का रहने वाला था और खेतीबाड़ी कर अपना जीवन यापन करता था। उसे मोबाइल फोन का बड़ा शौक था। साल 2017 में उसने स्मार्टफोन खरीदा था। एक दिन डीआरजी की टीम गांव में रूटीन सर्च अभियान पर निकली थी। संयोगवश उस दिन नक्सल नेता जगदीश व अन्य नक्सली सदस्य भी पास के जंगल में एकत्र हुये थे। 

उस दौरान पुलिस व नक्सलियों (Naxalites) के मुठभेड़ भी हुई। लेकिन नक्सली घटनास्थल से भाग निकलने में सफल रहे थे। उस दौरान गांव के पूर्व उप-सरपंच व बुधराम ही स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते थे। ऐसे में नक्सलियों ने संदेह के आधार पुलिस मुखबिरी के आरोप में इन दोनों को घर से उठा लिया।

नक्सलियों (Naxalites) ने दोनों को तीन दिन तक पेड़ से लटका कर खूब पिटाई भी की थी। बाद में नक्सलियों ने 40 हजार की फिरौती लेकर दोनों को गांव छोड़ देने की धमकी देकर रिहा किया था। इस घटना के दौरान नक्सलियों ने पूर्व उप-सरपंच के घर को भी आग के हवाले कर दिया था। जिसके बाद पूर्व उप-सरपंच और बुधराम पुलिस शरण में आकर गोपनीय सैनिक के तौर पर काम करने लगे थे।