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छत्तीसगढ़: धमतरी में बड़े हमले की फिराक में नक्सली, 7 थानों को किया गया अलर्ट

खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट किया है कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित धमतरी जिले में नक्सली कोई बड़ी वारदात (Naxal Attack) की फिराक में हैं। इस सूचना के बाद नक्सल प्रभावित 7 थानों को अलर्ट कर दिया गया है। सीआरपीएफ सहित अन्य खुफिया एजेंसी नक्सलियों पर नजर रखे हुए हैं।

धमतरी में बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में नक्सली

सूत्रों के मुताबिक, Naxal Attack की आशंका को देखते हुए सुरक्षाबलों की नजर जिले के खूंखार नक्सली सत्यम गावड़े पर है। सत्यम मैनपुर-नुआपाड़ा डिवीजन कमिटी का कमांडर है। नक्सली उसी के निर्देश पर काम कर रहे हैं। पुलिस अफसरों का मानना है कि सत्यम की गिरफ्तारी से नक्सलियों का पांव उखड़ जाएंगे। बता दें कि सत्यम गावड़े कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम कुर्सेबोड़ का रहने वाला है। उसकी पत्नी जानसी गावड़े भी उसी गांव की है। सत्यम साल 2007-08 से नक्सलियों के साथ काम कर रहा है। बीच में पुलिस ने सत्यम को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया था। लेकिन सुबूतों की कमी के कारण वह जाल से छूट गया। जेल से छूटने के बाद वह फिर से नक्सली गतिविधियों में सक्रिय हो गया।

वह कई नक्सली वारदातों (Naxal Attack) में शामिल रहा है। पुलिस ने सत्यम की खोज शुरू कर दी है। गौरतलब है कि गरियाबंद की सीमा से लगे धमतरी जिले के बासिन से झरियाबाहरा के बीच बीते 3 नवंबर को नक्सलियों ने पेड़ काटकर सड़क बाधित की थी। यह काम कोबरा सीतानदी दलम के नक्सलियों ने किया था। मेचका से सीआरपीएफ की टीम ने घटना स्थल जाकर सड़क से पेड़ हटाकर रास्ता खोला था। इससे पहले 24 अक्टूबर को भी नक्सलियों ने सिहावा-बोरई रोड पर पेड़ काटकर रास्ता बंद कर दिया था। साथ ही सड़क पर बैनर-पोस्टर फेंक कर 25 अक्टूबर को सरकार के खिलाफ बंद का आह्वान किया था। इन दोनों वारदातों को सत्यम गावड़े ने अंजाम देने की बात सामने आई।

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उल्लेखनीय है कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक अभियान चला रही है। केंद्रीय गृह सचिव दीवाली के ठीक पहले बस्तर आए थे। उन्होंने बैठक ली, जिसमें आईबी चीफ के साथ सीआरपीएफ के डीजी, डीजीपी और तेलंगाना व ओडिशा के अधिकारी शामिल हुए थे।नक्सलियों का छत्तीसगढ़ से सफाया को लेकर गोपनीय रणनीति अफसरों ने बनाई है। इससे नक्सलियों में बौखलाहट है। नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। बीते कुछ महीनों में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों पर जबरदस्त शिकंजा कसा है। नक्सलियों पर लगाम लगाने के लिए इस क्षेत्र में इंटेलीजेंस को मजबूत किया गया। इसी क्रम में 18 जून को कांकेर-धमतरी सीमा पर सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें 8 लाख की ईनामी सीमा मारा गई थी।

28 जून को मैनपुर-नुआपाड़ा संयुक्त डिवीजनल कमेटी का खुंखार नक्सली मुईबा उर्फ गगन्ना उर्फ डोकरा को कांकेर के आमापानी से एसआईबी टीम ने पकड़ा। वहीं, 6 जुलाई को मांदागिरी और संदबाहरा के पहाड़ी पर एसटीएफ और डीएफ के साथ नक्सलियों से मुठभेड़ फिर हुई थी। जिसमें 12 लाख के 4 इनामी नक्सली रजुला, राजू, मुन्नी और मंजुला मारे गए थे।नगरी एसडीओपी नीतीश ठाकुर ने कहा कि नक्सलियों द्वारा पेड़ काटकर दहशत फैलाने की कोशिश हो रही। नगरी सहित सभी थानों को अलर्ट किया गया है। सत्यम गावड़े पुलिस रडार पर है। करीब 36 घंटे पहले फोर्स सर्चिंग पर निकली है, जो वापस नहीं लौटी है।

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