बिहार के औरंगाबाद जिले के काला पहाड़ कैंप के एसएसबी जवानों एक वांछित हार्डकोर नक्सली (Naxali) को धर दबोचा है। जवानों को दानापुर स्थित मिलिट्री इंटेलीजेंस के इंटपुट पर टंडवा थाना क्षेत्र के पांडु गांव में छानबीन के दौरान ये सफलता हाथ लगी है। गिरफ्तार नक्सली पर निर्माम कार्य में लगे जेसीबी और ट्रैक्टर जलाने के अलावा अन्य नक्सली वारदातों में शामिल होने का आरोप है।
बिहार: छापेमारी अभियान में मिली बड़ी सफलता, 2 फरार नक्सली (Naxali) गिरफ्तार
पुलिस गिरफ्त में आया नक्सली मिथिलेश राय उर्फ मिथिलेश राजभर पिता बुधन राय उर्फ बुधन राजभर पर है। ये झारखंड के पलामू जिला के पिपरा थाना क्षेत्र के तेंदूई गांव का रहने वाला है। पुलिस को पिछले चार सालों से इसकी तलाश थी, लेकिन ये हर बार चकमा देकर फरार हो जाता था। इस पर 16 फरवरी 2017 को कैमूर जिले के धारा थाने में आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 323, 342, 435, 379, व आर्म्स एक्ट के तहत 27, यूपीए एक्ट के तहत 10 व 13 और सीएलए एक्ट 17 के तहत कई मामले दर्ज हैं। इसके अलावा गिरफ्तार नक्सली पर रोहतास जिले के अमझोर थाने में भी 24 फरवरी 2017 के घटनाक्रम से संंबंधित मामला दर्ज है।
एसएसबी कंपनी कमांडर लोकेश कुमार के अनुसार, उन्हें मिलिट्री इंटेलीजेंस से सूचना मिली कि एक हार्डकोर नक्सली (Naxali) पास के पांडू गांव में छिप कर रहा है। इस सूचना के आधार पर टंडवा पुलिस और एसएसबी की ज्वाइंट टीम की छापेमारी अभियान में नक्सली मिथिलेश को दबोचा गया है, जो कैमूर के अधौरा थाने का मोस्टवांटेड है।
छापेमारी टीम में शामिल अधौरा के एसआई अमोद कुमार के मुताबिक, नक्सली मिथिलेश ने लेवी के लिए सड़क निर्माण कार्य में लगे जेसीबी और ट्रैक्टर में आग लगाकर वहां से फरार हो गया और पिछले चार सालों से बिहार-झारखंड में प्रतिबंधित नक्सल संगठन के विस्तार कार्य में लगा था। साथ ही संगठन के लिए लेवी वसूलने का भी काम करता था। फिलहाल पुलिस गिरफ्तार नक्सली (Naxali) से पूछताछ कर, उसकी निशानदेही पर अन्य बड़े नक्सलियों की गर्दन तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।