भारत ने घोषणा की कि आगामी मालाबार युद्धाभ्यास (Malabar Exercise) में ऑस्ट्रेलिया भी शामिल होगा। इसका प्रभावी अर्थ यह हुआ कि ‘क्वॉड’ या चार सदस्यीय गठबंधन के सभी सदस्य इस महाअभ्यास में शामिल होंगे। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में अगले महीने होने वाले वार्षिक युद्धाभ्यास में अमेरिका और जापान व अन्य देश हैं जो शामिल होंगे।
पाकिस्तान सरकार के तख्तापलट की उल्टी गिनती शुरू, इमरान खान के खिलाफ 11 विपक्षी दलों ने खोला मोर्चा
भारत द्वारा नौसेना युद्धाभ्यास में शामिल होने के ऑस्ट्रेलियाई अनुरोध को ऐसे समय स्वीकार किया गया जब पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा को लेकर तनाव बढ़ रहा है।
रक्षा मंत्रालय के बयान के मुताबिक‚ ‘भारत समुद्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ाना चाहता है और ऑस्ट्रेलिया के साथ रक्षा के क्षेत्र में बढ़ते सहयोग की पृष्ठभूमि में मालाबार–2020 नौसेना युद्धाभ्यास (Malabar Exercise) में ऑस्ट्रेलियाई नौसेना की भागीदारी देखने को मिलेगी।’
रक्षा मंत्रालय के इस बयान में कहा गया कि युद्धाभ्यास की योजना ‘समुद्र में बिना संपर्क’ ढांचे के आधार पर तैयार की गई है। मंत्रालय के अनुसार‚ ‘इस अभ्यास से इसमें शिरकत करने वाले देशों की नौसेना के बीच समन्वय और मजबूत होगा।’ हालांकि‚ चीन वार्षिक मालाबार युद्धाभ्यास (Malabar Exercise) के उद्देश्यों को लेकर सशंकित रहता है‚ वह महसूस करता है कि यह युद्धाभ्यास हिंद–प्रशांत क्षेत्र में उसके प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
भारत में त्यौहारी सीजन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन चिंतित, ‘कोरोना संक्रमण में आई कमी, कहीं न बन जाये लापरवाही की वजह’
मालाबार युद्धाभ्यास (Malabar Exercise) की शुरुआत वर्ष 1992 में अमेरिकी और भारतीय नौसेना के बीच हिंद महासागर में द्विपक्षीय अभ्यास के तौर पर हुई थी। जापान वर्ष 2015 में इस युद्धाभ्यास का स्थायी प्रतिभागी बना। ऑस्ट्रेलिया पिछले कई सालों से इस युद्धाभ्यास में शामिल होने को लेकर रुचि दिखा रहा था।