War of 1971: सैनिकों के परिवारों को आज भी अपनों का इंतजार है। सालों से इसी उम्मीद में परिवार राह देख रहा है कि एक दिन उनका अपना लौट कर आएगा।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए युद्ध (War of 1971) में भारतीय सेना (Indian Army) की जीत हुई थी। बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में भारतीय सेना ने सीधे पाकिस्तानी सैनिकों से टक्कर ली थी। इसके बाद पाकिस्तान के दो टुकड़े कर बांग्लादेश को आजाद कराया।
युद्ध में पाकिस्तानी सेना के 93 हजार सैनिकों ने सरेंडर किया था। सरेंडर करते ही 93,000 सैनिकों को गिरफ्तार किया गया था। युद्ध के 8 महीने बाद शिमला समझौते के तहत इन पाकिस्तानी युद्धबंदियों को रिहा कर दिया गया।
भारत ने तो दरियादिली दिखाई लेकिन पाकिस्तान की नीयत कभी नहीं बदली। आज भी हमारे 54 सैनिक पाकिस्तानी जेलों में बंद हैं। पाकिस्तान इस बात से इनकार करता आया है लेकिन हमारे पास पर्याप्त सबूत भी हैं। इन 54 सैनिकों में से 30 सैनिक थल सेना के और 24 वायु सेना से जुड़े हैं।
हालांकि, युद्ध (War of 1971) के बाद इन सैनिकों को सेना की तरफ से ‘मिसिंग इन एक्शन’ (लापता) या ‘किल्ड इन एक्शन’ (मृत) घोषित किया गया था। लेकिन माना जाता है कि ये अब भी जिंदा हैं और पाकिस्तान की अलग-अलग जेलों में कैद हैं।
छत्तीसगढ़: सुकमा के सिलगेर में कैंप खुलने से बौखलाया नक्सली कमांडर हिडमा, लाल आतंक का होगा खात्मा
ऐसी जानकारियां सामने आई हैं जिनमें यह कहा जाता है कि इन सैनिकों को वेस्टर्न फ्रंट पर लड़ते हुए गिरफ्तार किया गया था। शिमला समझौते के तहत हमने तो पाकिस्तान के सैकड़ों सैनिकों को रिहा कर दिया लेकिन पाकिस्तान आज तक हमारे इन 54 सैनिकों पर स्थिति साफ नहीं कर पाया है।
ये भी देखें-
पाकिस्तान किसी भी सूरत में भरोसे लायक नहीं है। इन सैनिकों के परिवारों को आज भी अपनों का इंतजार है। सालों से इसी उम्मीद में परिवार राह देख रहा है कि एक दिन उनका अपना लौट कर आएगा।