Hindi News (हिंदी समाचार), News in Hindi, Latest News In Hindi

छोटे भाई के साथ अरुण खेत्रपाल का घर देखने गए थे विजयंत थापर, बचपन से ही सेना से था खास लगाव

शहीद कैप्टन विजयंत थापर।

Kargil War: कैप्टन विजयंत थापर (Captain Vijayant Thapar) बचपन से ही सेना के प्रति लगाव रखते थे। विजयंत की मां तृप्ता थापर ने उनके बचपन की यादें साझा की हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 के युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाले कैप्टन विजयंत थापर (Captain Vijayant Thapar) बचपन से ही सेना के प्रति लगाव रखते थे। थापर का सेना के साथ लगाव कितना था इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि वे जब छोटे थे तो अपने छोटे भाई के साथ ‘परमवीर चक्र’ विजेता सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल (Arun Khetarpal) का घर देखने गए थे।

हालांकि, वह अंदर से घर तो नहीं देख पाए थे। लेकिन बाहर से घर की दीवारें देखकर लौट आए थे।  बता दें कि अरुण खेत्रपाल भारतीय सेना (Indian Army) के एक जांबाज अधिकारी थे, जिन्हें 1971 के युद्ध में दुश्मन के सामने बहादुरी का प्रदर्शन करने के लिए मरणोपरान्त भारत का सर्वोच्च सैन्य सम्मान ‘परमवीर चक्र’ प्रदान किया गया था। 

Arun Khetarpal: एक भी पाकिस्तानी टैंक पार नहीं जा पाया, जानें परिवार को कैसे मिली थी शहीद होने की खबर

विजयंत की मां तृप्ता थापर ने विजयंत थापर (Captain Vijayant Thapar) के बचपन को लेकर कई जानकारियां साझा की हैं। उनके मुताबिक, “एक दिन विजयंत स्कूल से घर लौटा तो अपने छोटे भाई को ‘परमवीर चक्र’ विजेता सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल के घर ले गया था।” हालांकि उन्होंने छोटे भाई को ये नहीं बताया था कि कहां जा रहे हैं। उन्होंने बस इतना ही कहा था कि वे एक खास जगह पर जा रहे हैं।

ये भी देखें-

वे आगे बताती हैं, “शाम को जब दोनों भाई थके-हारे घर वापस लौटे तो बर्डी ने शिकायत की कि विजयंत आज मुझे अपने साथ अरुण खेत्रपाल के घर ले गए थे। हम घर के अंदर ही नहीं गए और सिर्फ बाहर दीवार देखकर ही वापस लौट आए।” इस पर विजयंत (Captain Vijayant Thapar) ने कहा था कि एक दिन लोग हमारा घर भी देखने आया करेंगे। उनकी यह बात सच भी साबित हुई।