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मिलिए असली मर्दानी मुंबई क्राइम ब्रांच की पहली महिला कमिश्नर मीरा बोरवंकर से

Meera C Borwankar

मीरा चड्ढा बोरवंकर (IPS Meera C Borwankar), 150 साल के लंबे इतिहास में मुंबई क्राइम ब्रांच की कमिश्नर के रूप में तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी भी हैं।

देश की बागडोर असल मायने में उन्हीं अफसरों के हाथों में होती है, जो पूरी ईमानदारी से अपना फर्ज निभाते हैं। उनकी मिसाल हमेशा जिंदा रहती है। हम बात कर रहे हैं ऐसी ही एक ईमानदार और जंबाज ‘लेडी सुपरकॉप’ के नाम से मशहूर अफसर मीरा चड्ढा बोरवंकर (IPS Meera C Borwankar) की।

मीरा महाराष्ट्र कैडर की पहली महिला IPS अफसर हैं। 1981 बैच की IPS अधिकारी फाजिल्का की बेटी मीरा चड्ढा बोरवंकर (IPS Meera C Borwankar), 150 साल के लंबे इतिहास में मुंबई क्राइम ब्रांच की कमिश्नर के रूप में तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी भी हैं।

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IPS बनने के बाद मीरा की पोस्टिंग महाराष्ट्र के कई बड़े शहरों में हुई। पर मुंबई उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण रहा। वहां माफिया राज को खत्म करने में मीरा बोरवकंर का अहम योगदान रहा है। मीरा ने नौकरी के शुरूआती दौर में ही अपने तेवर से साफ कर दिया था कि वह हर हाल में गुंडाराज का सफाया करके रहेंगी।

मीरा मोस्ट वांटेड अंडरवर्ल्ड डॉन और डी कंपनी के सरगना दाऊद इब्राहिम से लेकर छोटा राजन गैंग के कई सदस्यों को सलाखों के पीछे भेज चुकी हैं। जलगांव सेक्स रैकेट के खुलासे के बाद मीरा खासा सुर्खियों में आईं थीं।

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दरअसल, साल 1994 में उनके नेतृत्व में पुलिस ने एक बड़े सेक्स रैकेट का पर्दाफाश किया था। इस रैकेट में स्कूल की बच्चियों से लेकर कॉलेज की लड़कियों तक को देह व्यापार के गोरखधंधे में धकेलने की बात सामने आई थी।

इसके खुलासे के बाद मीरा देशभर की मीडिया में छा गईं थीं। याकूब मेमन और अजमल कसाब की फांसी के समय मीरा बोरवंकर महाराष्ट्र की एडीजीपी (जेल) थीं। गौरतलब है, मीरा अडरवर्ल्ड डॉन अबु सलेम से लेकर कई वांटेड क्रिमिनल्स के प्रत्यर्पण में अहम रोल निभा चुकी हैं।

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मीरा बोरवंकर (IPS Meera Borwankar) मूल रूप से पंजाब के फाजिल्का जिले की रहने वाली हैं। उनके पति अभय बोरवंकर रिटायर्ड IAS अधिकारी हैं। रिटायर होने के बाद फिलहाल वह अपना बिजनेस संभाल रहे हैं। मीरा के पिता ओपी चड्ढा बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) में थे। उनकी पोस्टिंग फाजिल्का में थी। मीरा ने मैट्रिक तक की शिक्षा फाजिल्का में ही ली। इसके बाद 1971 में उनके पिता का ट्रांसफर हो गया।

उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई जालंधर से की। उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय से संगठनात्मक प्रबंधन और बैचलर ऑफ लॉ (एलएलबी) में डॉक्टरेट की पढ़ाई पूरी की। वह जीएनडी विश्वविद्यालय, पंजाब से अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर हैं। अमेरिका के मिनेसोटा विश्वविद्यालय के साथ ह्यूबर्ट एच. हम्फ्री फेलो हैं और उन्होंने न्यू इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालय से चार महीने का कार्यकारी विकास कार्यक्रम पूरा किया है।

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एक लेखक, वक्ता और वकील डॉ. मीरा सी बोरवंकर ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी के रूप में 1981 से 2017 तक महाराष्ट्र कैडर में काम किया। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में लेख, इनवेस्टिगेशन, जेंडर, कानून-प्रवर्तन, ई-गवर्नेंस और सामुदायिक भागीदारी पर उनके कई दर्जन शोध-पत्र छपे हैं। देश की पहली महिला IPS अधिकारी किरण बेदी से प्रेरणा लेकर ही मीरा भारतीय प्रशासनिक सेवा से जुड़ी थीं।

उन्होंने अपने करियर के दौरान डायरेक्टर जनरल ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट, इंडिया, डायरेक्टर जनरल नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो, इंडिया, डायरेक्टर जनरल लीगल एंड टेक्निकल, महाराष्ट्र, कमीश्नर ऑफ पुलिस, पुणे, चीफ ऑफ क्राइम ब्रांच, मुंबई, चीफ ऑफ महाराष्ट्र प्रीजन डिपार्टमेंन्ट जैसे पदों पर काम किया।

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विशिष्ट सेवाओं के लिए डॉ. मीरा सी बोरवंकर (IPS Meera C Borwankar) को कई पुरस्कार भी मिले हैं। साल 2014 में आई रानी मुखर्जी स्टारर फिल्म ‘मर्दानी’ मीरा बोरवंकर के जीवन से ही प्रेरित थी।