Hindi News (हिंदी समाचार), News in Hindi, Latest News In Hindi

Operation Green Hunt: नक्सलियों के खिलाफ 2009 में शुरु किया गया था ये ऑपरेशन, इसे बंद करवाने के लिए 2014 में किया गया सुकमा अटैक!

फाइल फोटो।

ऑपरेशन ग्रीन हंट (Operation Green Hunt) के तहत नक्सलियों का पूरी तरह से खात्मा करना ही एकमात्र मकसद था। देश के अर्द्धसैनिक बलों और राज्य के बलों द्वारा नक्सलियों के खिलाफ चलाए जाने वाले इस ऑपरेशन के तहत चहुंमुखी आक्रमण किया जाता था।

नक्सलवाद (Naxalism) की समस्या देश की बड़ी समस्याओं में से एक है। नक्सली (Naxals) इस देश के लिए कलंक हैं। नक्सलियों ने कई मौकों पर देश को भारी नुकसान पहुंचाया है। हमारे कई जवान नक्सली हमलों में शहीद हो गए हैं तो कई जवान एंटी नक्सल ऑपरेशन में वीरता की मिसाल पेश करते हैं। नक्सलियों के खिलाफ पुलिस फोर्स द्वारा कई ऑपरेशन लॉन्च किए जा चुके हैं, जिनमें से एक था ऑपरेशन ग्रीन हंट (Operation Green Hunt)।

ऑपरेशन ग्रीन हंट (Operation Green Hunt) के तहत नक्सलियों का पूरी तरह से खात्मा करना ही एकमात्र मकसद था। देश के अर्द्धसैनिक बलों और राज्य के बलों द्वारा नक्सलियों के खिलाफ चलाए जाने वाला इस ऑपरेशन के तहत चहुंमुखी आक्रमण किया जाता था।

छत्तीसगढ़: सुकमा में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़, एक महिला नक्सली ढेर

पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और बिहार समेत अन्य राज्यों में नक्सलियों के खिलाफ ये ऑपरेशन चलाए गए थे। ऑपरेशन ग्रीन हंट (Operation Green Hunt) को हालांकि अब ऑपरेशन ‘प्रहार’ के नाम से जाना जाता है। इसी साल इस ऑपरेशन में रणनीतिक बदलाव कर इसके नाम को भी बदल दिया गया।

यह ऑपरेशन पहली बार दिसंबर, 2014 में उस समय सुर्खियों में आया था, जब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने सुकमा हमले को ऑपरेशन ग्रीन हंट का जवाब कहा था।दरअसल, माओवादियों ने 1 दिसंबर, 2014 को दक्षिण छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 14  जवानों की हत्या कर दी थी।

भारत-अमेरिका के मजबूत होते रिश्ते से चीन की बौखलाहट बढ़ी, कही ये बात

इस हमले में नक्सलियों ने मानवता की सारी हदों को पार कर दिया था। सेना के जवानों पर हुए इस हमले के बाद देशवासियों को खून खौल उठा था। हर तरफ से मांग उठने लगी थी कि नक्सलियों का जल्द से जल्द सफाया किया जाए।

नक्सलियों को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार की पैरामिलिटरी फोर्स और राज्य बल का यह संयुक्त अभियान “रेड कॉरिडोर” में आने वाले पांच राज्यों में नवंबर, 2009 में शुरू किया गया था। हालांकि, केंद्र सरकार एंटी नक्सल ऑपरेशन के लिए ऑपरेशन ग्रीन हंट (Operation Green Hunt) शब्द का इस्तेमाल नहीं करती। यह शब्द मीडिया द्वारा इस्तेमाल किए जाने के बाद चर्चा में आया था।

ओडिशा: मलकानगिरी में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, विस्फोटक बरामद

ऑपरेशन ग्रीन हंट (Operation Green Hunt) भी काफी सफल रहा है और कई नक्सलियों को इसके जरिए ढेर किया गया है। वहीं कई नक्सलियों आत्ममसमर्पण किया है। वहीं सबसे महत्वपूर्ण इस ऑपरेशन के जरिए कई नक्सली हमलों को फेल किया गया है।

नक्सली बड़ी ही लंबी प्लानिंग के बाद गुपचुप तरीके से सेना के खिलाफ हमला बोलेत आए हैं। लेकिन इस ऑपरेशन के जरिए इन हमलों को अंजाम तक पहुंचने से पहले ही नाकाम किया जाता रहा है। इसमें ऑपरेशन ग्रीन हंट (Operation Green Hunt) ने भी अहम भूमिका निभाई थी। ऑपरेशन ग्रीन हंट के लिए सरकार ने स्थानीय जनता को भी ट्रेनिंग दी थी। लोगों ने  हथियार थामकर नक्सलियों के सफाये में सरकार के साथ मिल कर काम किया।

गुजरात के पूर्व सीएम केशुभाई पटेल का 92 साल की उम्र निधन, सांस लेने में थी तकलीफ

नक्सलियों की विचारधारा है कि सरकार से अपना हक छीना जाता है क्योंकि सरकार खुद कुछ नहीं देती। इसके लिए हथियार भी उठाना पड़ जाए तो पीछे नहीं हटना चाहिए। नक्सली इसी विचारधारा को फॉलो करते आ रहे हैं। नक्सलवाद की समस्या से भारत 50 से ज्यादा सालों से जूझ रहा है। बंगाल से शुरू हुई यह समस्या अब देश के कई राज्यों में फैल चुकी है।

ये भी देखें-

छत्तीसगढ़, बिहार, आंध्र प्रदेश और झारखंड इसके सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य हैं। वहीं सुकमा, छत्तीसगढ़ के सबसे ज्यादा नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में शामिल है। सुकमा के अलावा बीजापुर, दंतेवाड़ा, बस्तर, नारायणपुर, कोंडागांव, कांकेर, राजनांदगांव, बालोद, गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद, कवर्धा और बलरामपुर जिले भी नक्सल प्रभावित हैं। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद की समस्या से लड़ने की जिम्मेदारी सीआरपीएफ और राज्य पुलिस दोनों की है और बीते कुछ सालों के दौरान आपसी तालमेल के बूते कई नक्सलियों को ढेर किया जा चुका है।