Chhattisgarh Naxal Attack

2013 की तुलना में 2020 में हिंसक घटनाओं में कुल 41 फीसदी की कमी आई और यह संख्या 1,136 से घटकर 665 रह गई जबकि एलडब्ल्यूई से संबंधित मौतों में 54 फीसदी की कमी आई है।

नक्सली वाड्डे कंपनी नंबर दस में क्षेत्रीय समिति के सदस्य के रूप में काम कर रहा था और वह 2020 में कोटी गांव में पुलिसकर्मी दुष्यंत पंढारी नंदेश्वर की नृशंस हत्या में शामिल था।

बीते 10 साल की बात करें तो 8 अक्टूबर 2009 के दिन महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में लाहिड़ी पुलिस थाने पर नक्सली हमले में हमारे 17 जवान शहीद हो गए थे।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर में हुए नक्सली हमले (Naxal Attack) में शहीद जवानों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में असम पुलिस ने 48 वर्षीय लेखिका को गिरफ्तार किया है।

बीजापुर में तैनात डीएसपी अभिषेक सिंह ने नक्सली हमले में शहीद हुए दीपक भारद्वाज (Deepak Bhardwaj) की जांबाजी का किस्सा साझा किया है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर में 3 अप्रैल को हुए नक्सली हमले (Naxal Attack) में हमारे 22 जवान शहीद हो गए थे। कोबरा कमांडो (CoBRA Commando) राकेश्वर सिंह ((Rakeshwar Singh Manhas) हमले के बाद से ही लापता थे।

बीजापुर नक्सली मुठभेड़ (Naxal Encounter) के बाद पांच दिन तक नक्सलियों (Naxalites) की कैद में रहे कोबरा कमांडो (CoBRA Commando) राकेश्वर सिंह मनहास (Rakeshwar Singh Manhas) रिहा कर दिए गए हैं।

नक्सलियों (Naxalites) का कहना है कि राज्य सरकार जब बातचीत के लिए मध्यस्त की घोषणा कर देगी, उसके बाद ही हम सीआरपीएफ के कमांडो को छोड़ेंगे।

अधिकारी ने ट्विटर पर लिखा, बीजापुर नक्सली (Naxalites) हमले में बंधक बनाए गए जवान की बेटी की आवाज सुनकर मन भावुक हो गया।

Bijapur Sukma Encounter: पहले ऐसे कई हमले हो चुके हैं और हम अपने जवानों को खो चुके हैं। सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर नक्सली अपना खौफ बनाए रखना चाहते हैं।

Bijapur Sukma Encounter: नक्सलियों ने सेना को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने के लिए बुलेट, नुकीले हथियार और देसी रॉकेट लॉन्चर का इस्तेमाल किया।

जोनागुड़ा की सैटेलाइट तस्वीरों में कुछ हलचल देख सेना अलर्ट हुई थी। इसके बाद अलग-अलग ऑपरेशन में लगे जवावों को जोनागुड़ा की तरफ एकत्रित होने के लिए कहा गया।

साल 2019 के मई महीने में नक्सलियों ने महाराष्ट्र में बड़ा हमला (Gadchiroli Naxal Attack) किया था। हमला 1 मई को किया गया था। तय समय और तय प्लानिंग के तहत हमले को अंजाम दिया गया था।

नक्सलियों (Naxals) को मौत के घाट उतार कर हमारे जवानों ने लाल आतंक के खिलाफ कमर कसी हुई है। बीते कुछ सालों में पुलिस फोर्स को नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलताएं भी हाथ लगी हैं।

नक्सल समस्या देश की बड़ी समस्याओं में से एक है। नक्सली इस देश के लिए कलंक हैं। नक्सलियों ने कई मौकों पर देश को भारी नुकसान पहुंचाया है। हमारे कई जवान नक्सली हमलों में शहीद हो गए हैं तो कई जवान एंटी नक्सल ऑपरेशन में वीरता की मिसाल पेश करते हुए।

naxalite attack: नक्सलियों ने हमारे जवानों को अपने जाल में फंसाया था और वह मुख्य सड़क से जवानों की पूरी टीम को 400 मीटर दूर ले गए थे।

हमला रात के समय में किया गया था। रानीबोदली गांव में मौजूद पुलिस कैंप में जब जवान सो रहे थे। नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग कर दी थी।

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