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Kargil War: अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को होना पड़ा था शर्मिंदा, भारत को मिला था इन देशों का साथ

Kargil War: पाकिस्तान की इस कायराना हरकत की निंदा जी-8 ग्रुप ने भी की थी। इसमें अमेरिका, रूस, जर्मनी, कनाडा, जापान, इटली, फ्रांस और इंग्लैंड शामिल थे।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का भीषण युद्ध ((Kargil War) लड़ा गया था। पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय वीर सैनिकों ने जमकर प्रहार किया था। पाकिस्तान को बुरी तरह से हराकर ही हमारे वीरों ने राहत की सांस ली थी। पाकिस्तान को हराने के लिए जवान किसी भी हद तक गुजर गए थे।

इस युद्ध (Kargil War) में पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी शर्मिंदा होना पड़ा था। कई बड़े देशों ने इस युद्ध के दौरान और बाद में भी भारत का ही साथ दिया था। दरअसल, पाकिस्तान ने 1999 में भारत को धोखा दिया था। एक समझौते का उल्लंघन करके ये धोखा दिया गया था।

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शिमला समझौते के तहत भारत-पाक के बीच 1972 में एग्रीमेंट हुआ था। पर तत्कालीन पाक सेना के जनरल परवेज मुशर्रफ ने सैनिकों को कारगिल के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इलाकों में भेजकर कब्जा करवा दिया था।

पाकिस्तान की इस कायराना हरकत की जी 8 ग्रुप ने निंदा की थी। इसमें अमेरिका, रूस, जर्मनी, कनाडा, जापान, इटली, फ्रांस और इंग्लैंड शामिल थे। इसके अलावा आसियान समूह के देशों- मलेशिया, इंडोनेशिया, ब्रुनई, थाईलैंड, सिंगापुर, विएतनाम, फिलीपींस, लाओस, कंबोडिया और म्यांमार ने भी इसका विरोध किया था।

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वहीं, चीन भी इस मुद्दे पर पूरी तरह से पाकिस्तान के साथ नहीं खड़ा था। उसने पाकिस्तान को समर्थन देने से पहले कुछ शर्तें रखी थीं। इसके अलावा, कुछ मुस्लिम देशों जैसे तुर्की, सऊदी अरब ने पाकिस्तान को खुला समर्थन दिया था।

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बता दें कि साल 1999 के कारगिल युद्ध (Kargil War) से पहले 1971 के युद्ध में भी पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती हुई थी। तब पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने भारत के सामने सरेंडर किया था। इसके साथ ही भारत ने पाकिस्तानी सेना के सैकड़ों हथियार भी जब्त कर लिए थे।