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Kargil War: …जब अचानक चट्टान की ओट से बाहर निकल विजयंत थापर ने एलएमजी चला रहे दुश्मन को किया ढेर

फाइल फोटो।

Kargil War: अचानक चट्टान की ओट से बाहर निकल कैप्टन विजयंत थापर (Captain Vijayant Thapar) ने एलएमजी चला रहे दुश्मन को ढेर कर दिया था। लेकिन तभी एक दूसरे पाकिस्तानी सैनिक ने उन्हें अपना निशाना बना दिया था। 

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान कैप्टन विजयंत थापर (Captain Vijayant Thapar) ने बहादुरी की मिसाल पेश की थी। वह दुश्मनों पर कहर बनकर टूटे थे। थापर ने अपनी जान की परवाह किए बिना इस युद्ध में शानदार प्रदर्शन किया था।

कारगिल फतह के लिए सेना (Indian Army) ने कई ऑपरेशन लॉन्च किए, जिनमें से एक ऑपरेशन नोल एंड लोन हिल पर ‘थ्री पिम्पल्स’ भी था। इस ऑपरेशन में कैप्टन विजयंत थापर (Captain Vijayant Thapar) को पाकिस्तानियों को खदेड़ने की जिम्मेदारी मिली थी। ये ऑपरेशन पूरी तरह से सफल रहा, लेकिन भारत ने अपने वीर सपूत को खो दिया। उन्होंने अपने साथियों के साथ लेह श्रीनगर राजमर्ग पर स्थित तोलोलिंग पर पाकिस्तानियों सैनिकों को खदेड़ा था।

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हाथों में अपनी एके-47 लिए विजयंत (Captain Vijayant Thapar) गोलियों की बौछार के बीच तीसरी चौकी पर कब्जा करने की फिराक में थे। दुश्मन लगातर फायर कर रहे थे। वह चट्टान के पीछे दुश्मन को ढेर करने की प्लानिंग कर रहे थे। चट्टान से बाहर निकलने का मतलब था दुश्मन की गोली का शिकार होना।

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काफी देर तक दुश्मन गोलियां चलाते रहे। दुश्मन थापर समेत अन्य जवानों को चट्टान से बाहर ही नहीं आने दे रहे थे। इस बीच अचानक चट्टान की ओट से बाहर निकल विजयंत थापर (Captain Vijayant Thapar) ने एलएमजी चला रहे दुश्मन को ढेर कर दिया था। लेकिन तभी एक दूसरे पाकिस्तानी सैनिक ने उन्हें अपना निशाना बना दिया था। वो नीचे गिर पड़े। पर उनकी पलटन ने नौल की तीसरी चोटी पर कब्जा करने में देर नहीं की।